पुलवामा : जिस आतंकी संगठन ने किया हमला, उसका सरगना 5 साल रहा है भारत की जेल में कैद
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पुलवामा : जिस आतंकी संगठन ने किया हमला, उसका सरगना 5 साल रहा है भारत की जेल में कैद

2001 में संसद पर हुए हमले में भी मसूद अजहर का ही हाथ था. इस आतंकी हमले के बाद उसे पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया, लेकिन लाहौर हाईकोर्ट के आदेश पर उसे रिहा कर दिया गया था.

अजहर मसूद को 1994 में श्रीनगर से किया गया था गिरफ्तार. (फाइल फोटो)

नई दिल्ली : पाकिस्तानी जिहादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद का सरगना मसूद अजहर अपनी नापाक हरकतों से बाज नहीं आ रहा है. वह लगातार भारत के खिलाफ नापाक साजिश करता रहता है. कई दफा वह अपने मंसूबे में कामयाब भी रहा है और भारत को गहरा घाव दिया है. अजहर ने अपने इस जिहादी संगठन की स्थापना वर्ष 2000 में की थी. पाकिस्तान सरकार ने 2002 में कागज पर भले ही इस संगठन पर पाबंदी लगा दी हो, बावजूद लगातार उसकी नापाक गतिविधि जारी है.

24 दिसंबर 1999 को पांच हथियारबंद आतंकवादियों ने इंडियन एयरलाइंस के एक हवाई जहाज आईसी-814 का अपहरण कर लिया था. इस विमान में कुल 178 लोग यात्रा कर रहे थे. आतंककियों ने विमान छोड़ने के एवज में भारत के जेल में बंद तीन आतंकवादियों की रिहाई का सौदा किया. इसमें जैश-ए-मोहम्मद का प्रमुख मसूद अजहर भी शामिल था. भारत सरकार को उसे रिहा करना पड़ा था. इस दौरान वह हरकत-उल-मुजाहिदीन का सदस्य था. उसे 1994 में श्रीनगर से गिरफ्तार किया गया था. वह पांच साल तक भारत की जेल में कैद रहा.

संसद हमले में भी मसूद अजहर का हाथ
2001 में संसद पर हुए हमले में भी मसूद अजहर का ही हाथ था. इस आतंकी हमले के बाद उसे पाकिस्तान में गिरफ्तार किया गया, लेकिन लाहौर हाईकोर्ट के आदेश पर उसे रिहा कर दिया गया था. 2002 में पत्रकार डेनियल पर्ल की हत्या में शामिल होने के कारण अमेरिका ने भी अजहर मसूद को सौंपने की मांग की थी, लेकिन पाकिस्तान पर इसका खास असर नहीं पड़ा. वह खुलेआम पाकिस्तान में घूमता रहा.

भारत और अमेरिका के दबाव के कारण पाकिस्तान सरकार ने 2008 में उसे उसके ही आवास पर नजरबंद कर दिया था. उसे दो बार हिरासत में लिया गया था, लेकिन हर बार वह बचने में कामयाब रहा.

पाकिस्तान में खुलेआम घूमता है मसूद आजहर
भारत, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया और कनाडा सहित कई देशों में इस संगठन पर प्रतिबंध है, बावजूद वह पाकिस्तान में खुलेआम रैलियां करता है और भारत के खिलाफ जहर उगलता है. यह आतंकी सगठन कट्टरपंथी विचारों से युवाओं को गुमराह करता है और उनकी मदद से आत्मघाती हमला करवाता है.

गुरुवार को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए फिदायनी हमले के पीछे भी इसी संगठन का हाथ है. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए हैं. 2016 में हुए उरी हमले के बाद यह सबसे बड़ा आतंकवादी हमला है. उरी हमले भी में भी इसी संगठन का हाथ था. इसके बाद सेना ने जवाबी कार्रवाई की थी. सर्जिकल स्ट्राइक के दौरन मसूद अजहर के आतंकी संगठन के कई टॉप कमांडरों को सेना ने ढेर कर दिया था.

विदेश मंत्रालय की पाकिस्तान को दो टूक
पुलवामा हमले के बाद विदेश मंत्रालय ने पाकिस्तान से जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों को ध्वस्त करने के लिए कहा है. साथ ही कहा है कि भारत सरकार राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए हर जरूरी हर कदम उठाएगी. विदेश मंत्रालय ने एकबार फिर कहा है, 'अंतरराष्ट्रीय समुदाय से अपील करते हैं कि वे सुरक्षा परिषद के प्रस्ताव 1267 के तहत पाकिस्तान से आतंकी गतिविधियों का संचालन कर रहे जैश ए मोहम्मद और उसके सरगना पर पाबंदी लगाई जाए.' ज्ञात हो कि बार-बार चीन के वीटो के कारण जैश-ए-मोहम्मद और मसूद अजहर पर पाबंदी की कार्रवाई नहीं हो पाती है.

विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करके कहा कि भारत सरकार पुलवामा में भारत के वीर सुरक्षा बलों पर आतंकवादी हमले की कायराना हरकत की कठोरतम शब्दों में निंदा करता है. इसमें कहा गया कि इस जघन्य और घृणित घटना को जैश-ए- मोहम्मद ने अंजाम दिया है. यह पाकिस्तान का आतंकवादी संगठन है, जिसे संयुक्त राष्ट्र तथा अन्य देशों ने प्रतिबंधित किया हुआ है. विदेश मंत्रालय ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय आतंकवादी घोषित मसूद अजहर इस आतंकवादी संगठन का सरगना है, जिसे पाकिस्तानी सरकार ने पाकिस्तान के नियंत्रण वाले इलाकों में अपनी गतिविधियां चलाने और आतंकी ठिकानों को बढ़ाने के साथ ही भारत तथा कहीं भी हमले करने की पूरी छूट दे रखी है.

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