Joshimath में प्रभावित मकानों की संख्या हुई 700 से ज्यादा, लोगों को पहुंचाया जा रहा सुरक्षित जगह
Advertisement
trendingNow11523363

Joshimath में प्रभावित मकानों की संख्या हुई 700 से ज्यादा, लोगों को पहुंचाया जा रहा सुरक्षित जगह

Joshimath में लोगों को घरों से निकालने के प्रयास जारी रहने के बीच अब तक कुल 131 परिवार अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंच गए हैं, वहीं जोशीमठ में दरार पड़ने और जमीन धंसने से प्रभावित घरों की संख्या 723 हो गई.

Joshimath में प्रभावित मकानों की संख्या हुई 700 से ज्यादा,  लोगों को पहुंचाया जा रहा सुरक्षित जगह

Joshimath Sinking: राष्ट्रीय संकट प्रबंधन समिति (एनसीएमसी) ने मंगलवार को जोशीमठ की स्थिति की समीक्षा की जहां इमारतों और अन्य ढांचों में दरारें आ गई हैं तथा इस बात पर जोर दिया कि तत्काल प्राथमिकता प्रभावित क्षेत्र से पूरी तरह से एवं सुरक्षित निकासी सुनिश्चित करने की होनी चाहिए. एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि एनसीएमसी की एक बैठक में कैबिनेट सचिव राजीव गौबा ने इस बात पर जोर दिया कि संवेदनशील ढांचे को सुरक्षित तरीके से गिराने को भी प्राथमिकता दी जानी चाहिए. एनसीएमसी ने कहा कि भू-तकनीकी, भूभौतिकीय और हाइड्रोलॉजिकल सहित सभी अध्ययनों तथा जांचों को एक समन्वित एवं समयबद्ध तरीके से पूरा किया जाना चाहिए.

उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने एनसीएमसी को वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी दी और बताया कि गंभीर रूप से क्षतिग्रस्त मकानों के निवासियों को सुरक्षित स्थानों पर स्थानांतरित किया जा रहा है. बयान में कहा गया है कि प्रभावित परिवारों को समायोजित करने के लिए जोशीमठ और पीपलकोटी में राहत आश्रयों की पहचान की गई है तथा राज्य सरकार द्वारा उचित मुआवजा एवं राहत उपाय प्रदान किए जा रहे हैं.

मुख्य सचिव ने समिति को अवगत कराया कि जोशीमठ-औली रोपवे का संचालन बंद कर दिया गया है और जोशीमठ नगर पालिका क्षेत्र तथा उसके आसपास के निर्माण कार्यों को अगले आदेश तक रोक दिया गया है. जिला प्रशासन को उनके राहत और पुनर्वास प्रयासों में मदद करने के लिए राष्ट्रीय और राज्य आपदा मोचन बलों को तैनात किया गया है. कैबिनेट सचिव ने मुख्य सचिव को आश्वासन दिया कि सभी केंद्रीय एजेंसियां आवश्यक सहायता के लिए उपलब्ध रहेंगी. 

राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (एनडीएमए) के सदस्य सचिव ने समिति को सूचित किया कि केंद्रीय भवन अनुसंधान संस्थान (सीबीआरआई), भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (जीएसआई), वाडिया इंस्टीट्यूट ऑफ हिमालयन जियोलॉजी, राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन संस्थान (एनआईडीएम) और राष्ट्रीय जल विज्ञान संस्थान ने स्थिति का आकलन करने के लिए 6-7 जनवरी को प्रभावित क्षेत्रों का दौरा किया.

टीम ने जिला प्रशासन से भी उनकी जरूरतों को समझने के लिए बातचीत की. केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने समिति को बताया कि सीमा प्रबंधन सचिव के नेतृत्व में गृह मंत्रालय के अधिकारियों की एक उच्च स्तरीय टीम वर्तमान में स्थिति के आकलन के लिए जोशीमठ में है. बैठक में गृह, बिजली, सूचना और प्रसारण, जल संसाधन और खान मंत्रालयों के शीर्ष अधिकारियों, एनडीएमए के सदस्यों, चीफ ऑफ स्टाफ कमेटी के अध्यक्ष,भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के अध्यक्ष के वैज्ञानिक सचिव ने भी भाग लिया.

प्रभावित मकानों की संख्या बढ़कर 700 से अधिक

जोशीमठ में प्रभावित मकानों की संख्या बढ़कर 700 से अधिक हो गई है. लोगों को घरों से निकालने के प्रयास जारी रहने के बीच अब तक कुल 131 परिवार अस्थायी राहत केंद्रों में पहुंच गए हैं, वहीं जोशीमठ में दरार पड़ने और जमीन धंसने से प्रभावित घरों की संख्या 723 हो गई. आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की चमोली इकाई ने मंगलवार को एक बुलेटिन में यह जानकारी दी. क्षेत्र में 86 घरों को असुरक्षित चिह्नित किया गया है. जिला प्रशासन ने ऐसे घरों के बाहर लाल निशान लगा दिए हैं. 

पाठकों की पहली पसंद Zeenews.com/Hindi - अब किसी और की ज़रूरत नहीं

Trending news