अपने इस्तीफे के जरिए जिस तरह कांग्रेस आला कमान को ज्योतिरादित्य ने एक करारा झटका दिया उसके बाद से अब वह खाटी कांग्रेसी नेताओं के निशाने पर आ गए हैं.
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नई दिल्ली: आखिरकार मंगलवार के दिन वो हुआ जिसका अंदाजा सुबह से मीडिया के जरिए देश के आम लोग लगा रहे थे. मध्य प्रदेश में कांग्रेस की पहचान रहे ज्योतिरादित्य (Jyotiraditya Scindia) ने पार्टी को अपना इस्तीफा सौंपकर अपनी अलग राह चुनने का संदेश दे दिया.
अपने इस्तीफे के जरिए जिस तरह कांग्रेस आला कमान को ज्योतिरादित्य ने एक करारा झटका दिया उसके बाद से अब वह खाटी कांग्रेसी नेताओं के निशाने पर आ गए हैं. उनके इस्तीफे के बाद से ट्विटर पर जहां कई कांग्रेसी उन्हें 'गद्दार' बता रहे हैं तो कई झांसी की रानी की लड़ाई को भी इससे जोड़कर उनका अपमान करने से नहीं चूक रहे.
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मध्य प्रदेश के दिग्गज कांग्रेस नेता जीतू पटवारी ने अपनी ट्विटर हैंडल पर लिखा, ''एक इतिहास बना था 1857 में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की मौत से, फिर एक इतिहास बना था 1967 में संविद सरकार से और आज फिर एक इतिहास बन रहा है..। तीनों में यह कहा गया है कि हाँ हम है....''
एक इतिहास बना था 1857 में झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई की मौत से, फिर एक इतिहास बना था 1967 में संविद सरकार से और आज फिर एक इतिहास बन रहा है..।
- तीनों में यह कहा गया है कि हाँ हम है....— Jitu Patwari (@jitupatwari) March 10, 2020
कांग्रेस के नेशनल कोआर्डिनेटर डिजिटल कम्यूनिकेशन गौरव पांधी ने अपने ट्विटर हैंडल से लिखा, ''गद्दार , गद्दार ही रहेगा और कोई भी तर्क विश्वासघात को सही नहीं ठहरा सकता है. समय!''
A traitor is a traitor and no amount of arguments & reasoning can justify treachery. Period!
— Gaurav Pandhi (@GauravPandhi) March 10, 2020
एक अन्य कांग्रेसी नेता ने लिखा, ''माफ करें लेकिन इस बार गलती हमारी थी. हम एक सामान्य सी समस्या हल नहीं कर सके. हम 3 नेताओं के अहंकार को रोक नहीं कर सके. हमने समस्या का समाधान करने की कोशिश भी नहीं की. कोई ऐलान नहीं किया गया. कितनी देर तक हम सिर्फ सोचते रहेंगे कि समय के साथ समस्या खत्म हो जाएगी. कर्नाटक और एमपी, हम हार गए, बीजेपी नहीं जीती.'
Sorry but this time problem was our. We couldn't solve a simple problem. We couldn't manage ego of 3 leaders.
No solution was even tried.Nothing was announced.
For how long can we keep going thinking with time problem would just go away.
Karnataka and MP, we lost, not BJP won.
— Sumit Kashyap (@sumitkashyapjha) March 10, 2020
उधर, सिंधिया के इस फैसले पर कांग्रेस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है. लोकसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि जिस पार्टी ने इतना दिया है, उससे बेईमानी कर रहे हैं. उन्होंने कहा है कि इस फैसले से पार्टी का नुकसान हुआ है और लगता है मध्य प्रदेश में हमारी सरकार नहीं बच पाएगी. अधीर रंजन ने सिंधिया के इस फैसले को पार्टी के साथ गद्दारी करार दिया.
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