एक क्लिक में जानें क्या था कन्हैया कुमार का मामला, JNU में लगे थे 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' के नारे
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एक क्लिक में जानें क्या था कन्हैया कुमार का मामला, JNU में लगे थे 'भारत तेरे टुकड़े होंगे' के नारे

जेएनयू छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने देशद्रोह के मामले में आरोपपत्र दाखिल किया.

दिल्ली की अदालत मंगलवार को आरोपपत्र पर विचार करेगी.(फाइल फोटो)

नई दिल्ली: जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार और अन्य के खिलाफ दिल्ली पुलिस ने सोमवार को देशद्रोह के जिस मामले में आरोपपत्र दाखिल किया, उसका घटनाक्रम इस प्रकार है. 

9 फरवरी, 2016 : संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाये जाने के तीन साल पूरा होने के मौके पर जेएनयू परिसर में मार्च. 

10 फरवरी : जेएनयू प्रशासन ने इस मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई का आदेश दिया.  

11 फरवरी : दिल्ली पुलिस ने भाजपा सांसद महेश गिरि और आरएसएस के छात्र संगठन एबीवीपी की शिकायतों के बाद अज्ञात लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया. 

12 फरवरी : कन्हैया कुमार की गिरफ्तारी, छात्रों में भारी रोष. 

12 फरवरी : कन्हैया कुमार को देशद्रोह के मामले में दिल्ली की एक अदालत ने तीन दिन की पुलिस हिरासत में भेजा. 

15 फरवरी : पटियाला हाउस अदालत परिसर में हिंसा, कन्हैया कुमार के खिलाफ मामले में सुनवाई से पहले वकीलों ने पत्रकारों, जेएनयू छात्रों और शिक्षकों को राष्ट्रविरोधी बताते हुए उन पर हमला किया. 

15 फरवरी : पटियाला अदालत हमले के मामले में दो प्राथमिकी दर्ज. 

17 फरवरी : पटियाला हाउस अदालत में एक और हंगामे का मामला.  वकीलों के कोट पहने लोगों ने कन्हैया कुमार के मामले में सुनवाई से पहले कथित तौर पर पत्रकारों और छात्रों की पिटाई की. 

18 फरवरी : कन्हैया ने उच्चतम न्यायालय में जमानत अर्जी दाखिल की. 

19 फरवरी : उच्चतम न्यायालय ने जमानत अर्जी दिल्ली उच्च न्यायालय को स्थानांतरित की.  पुलिस से उचित सुरक्षा बंदोबस्त को कहा. 

19 फरवरी : कन्हैया ने जमानत के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया. 

23 फरवरी : पुलिस ने उच्च न्यायालय में कन्हैया की जमानत अर्जी का विरोध किया. 

23 फरवरी : जेएनयू छात्र उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य ने आत्मसमर्पण से पहले पुलिस संरक्षण पाने के लिए उच्च न्यायालय का रुख किया. 

24 फरवरी : उमर और अनिर्बान गिरफ्तार. 

25 फरवरी : दिल्ली की अदालत ने जेल में बंद कन्हैया को एक दिन की पुलिस हिरासत में भेजा. 

26 फरवरी : अदालत ने कन्हैया को तिहाड़ जेल भेजा. 

2 मार्च : अदालत ने कन्हैया को छह महीने की अंतरिम जमानत दी. 

3 मार्च : दिल्ली की अदालत ने कन्हैया की तिहाड़ जेल से रिहाई का आदेश दिया. 

26 अगस्त : दिल्ली की अदालत ने कन्हैया, उमर और अनिर्बान को नियमित जमानत दी. 

14 जनवरी 2019 : पुलिस ने कन्हैया, उमर और अनिर्बान तथा अन्य के खिलाफ देशद्रोह, दंगा भड़काने एवं आपराधिक षड्यंत्र के अपराधों के तहत आरोपपत्र दाखिल किया. 

दिल्ली की अदालत मंगलवार को आरोपपत्र पर विचार करेगी. वहीं चार्जशीट दायर होने से पहले कन्‍हैया कुमार ने क‍हा 'अगर यह खबर सच है कि इस मामले में चार्जशीट दायर हो रही है तो मैं पुलिस और मोदी जी को धन्‍यवाद देना चाहूंगा. मामले में 3 साल बाद और चुनावों से ठीक पहले चार्जशीट दाखिल होना दर्शाता है कि यह राजनीतिक प्रेरित है. मुझे देश की न्‍यायपालिका पर विश्‍वास है.'

9 फरवरी 2016 को कथित तौर पर जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए गए थे 
इस मामले में जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय छात्रसंघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार, उमर खालिद और अनिर्बान भट्टाचार्य समेत अन्य लोग आरोपी बनाए गए हैं. कहा जा रहा है कि सेक्शन 11 में 10 आरोपी हैं, जिनमें से 3 गिरफ्तार हुए थे. आरोपी के तौर पर डी राजा की बेटी अपराजिता का भी नाम इसमें शामिल है. इसमें शेहला राशिद का भी नाम है.

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9 फरवरी 2016 को कथित तौर पर जेएनयू में देश विरोधी नारे लगाए गए थे. इससे पहले दिल्ली पुलिस आयुक्त अमूल्य पटनायक ने बुधवार को इसकी जानकारी दी थी.  कन्हैया, उमर खालिद और अनिर्बान को जेएनयू परिसर में कथित रूप से संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को फांसी पर लटकाए जाने के विरोध में कथित रुप से कार्यक्रम करने को लेकर 2016 में देशद्रोह के मामले में गिरफ्तार किया गया था.

जेएनयू के इस विवादस्पद कार्यक्रम से लोगों में नाराजगी फैली थी
उनकी गिरफ्तारी से बड़ा विवाद खड़ा हो गया था. विपक्ष ने पुलिस पर सत्तारुढ़ बीजेपी की शह पर काम करने का आरोप लगाया था. पटनायक ने कहा, "मामला अंतिम चरण में है. इसकी जांच पेचीदा थी, क्योंकि पुलिस टीमों को बयान लेने के लिये अन्य राज्यों का दौरा करना पड़ा था."

जेएनयू के इस विवादस्पद कार्यक्रम से लोगों में नाराजगी फैली थी. आरोप लगे थे कि कार्यक्रम के दौरान कथित रूप से देश विरोधी नारे लगाए गए. हालांकि‍ विपक्ष के कई नेताओं ने जेएनयू के आरोपी छात्रों का पक्ष लिया था. इनमें से कई बड़े नेता तो उनके समर्थन में जेएनयू भी पहुंचे थे.

इनपुट भाषा से भी 

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