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नई दिल्ली: Madras High Court ने बुधवार को सवाल किया कि क्या कोई पुलिस अधिकारी (Police Office) अपने वरिष्ठ के कहने पर किसी की हत्या कर सकता है. अदालत ने कहा कि केवल भगवान ही पुलिस विभाग को बचा सकते हैं. विल्लुपुरम के सस्पेंडेड एसपी डी कन्नन को यौन उत्पीड़न के मामले से मुक्त करने की अपील से जुड़ी क्रिमिनल रिविजन पिटीशन (Criminal Revision Petition) पेश किए जाने पर जस्टिस पी वेलमुरुगन ने कहा कि केवल भगवान ही पुलिस विभाग को बचा सकते हैं.
जज ने सुनवाई के दौरान यह भी कहा, 'शर्म की बात है कि पुलिस विभाग में महिलाओं के साथ उस सम्मान के साथ व्यवहार नहीं किया जाता, जिसकी वे हकदार हैं.' दरअसल पुलिस ऑफिसर कन्नन पर ये आरोप भी है कि उन्होंने उस गाड़ी को रोका, जिसमें महिला पुलिस अधीक्षक 22 फरवरी को अपने सीनियर के खिलाफ राज्य के पुलिस प्रमुख यानी डीजीपी के पास शिकायत दर्ज कराने जा रही थीं.
याचिका पर सुनवाई के दौरान, कन्नन के वकील ने कोर्ट से कहा कि उनके मुवक्किल ने अपने सीनियर्स के निर्देशों का पालन किया था. तब उन्होंने कहा था कि वरिष्ठ अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना अवज्ञा (Contempt) के समान होती है.
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इस मामले में कन्नन को दूसरे आरोपी के रूप में बताया गया है. पहला आरोपी एक निलंबित विशेष डीजीपी है, जिस पर एक अधीनस्थ महिला आईपीएस (IPS) अधिकारी का यौन उत्पीड़न करने का आरोप लगाया गया है.
(पीटीआई इनपुट के साथ)
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