Bemetara Blast: मां को बेटे तो पत्नी को सुहाग का इंतजार, उम्मीद टूटी तो किया अंतिम संस्कार
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Bemetara Blast: मां को बेटे तो पत्नी को सुहाग का इंतजार, उम्मीद टूटी तो किया अंतिम संस्कार

Madhya Pradesh News: छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले में दो दिन पहले हुए बारूद फैक्ट्री में धमाके ने कई परिवारों को तबाह कर दिया है. हादसे में 1 मजदूर की मौत की पुष्टि की गई है, लेकिन 8 मजदूर लापता हैं. ये लोग 2 दिन से घर नहीं लौटे हैं. कोई मां अपने लाल के आने का इंतजार कर रही है तो कोई पत्नी अपनी सुहाग का राह देख रही हैं. 

Bemetara Blast: मां को बेटे तो पत्नी को सुहाग का इंतजार, उम्मीद टूटी तो किया अंतिम संस्कार

MP News: बेमेतरा के बोरसी की बारूद फैक्ट्री में 2 दिन पहले हुए हादसे में प्रशासन ने 8 मजदूर के लापता होने की पुष्टि की है. इसके बाद से मजदूरों के परिजनों का रो-रो कर हाल बेहाल है. हादसे में लापता मजदूरों परिजनों ने बताया कि अब तक उनके घर से काम करने फैक्ट्री गए लोग घर वापस नहीं आये हैं. अब तक शासन-प्रशासन और फैक्ट्री प्रबंधन का भी कोई अधिकारी उनके घर पर नहीं आया. न ही किसी प्रकार की जानकारी दी है. कोई मां अपने लाल के आने का इंतजार कर रही है तो कोई पत्नी अपनी सुहाग का राह देख रही हैं. 

परिजनों को ढांढस बंधाने अब तक कोई सामने नहीं आया. लापता व्यक्तियों में पुष्पराज देवदास पिता हीरा लाल देवदास, रामकिशुन ध्रुव पिता राजकुमार ध्रुव, भीषम साहू पिता संतोष साहू, नीरज ध्रुव पिता जयकुमार ध्रुव, नरहर यदु पिता महान सिंग ध्रुव, विजय गंधर्व पिता मुन्ना देवदास, शंकर यादव पिता चूरावन यादव और लोकनाथ यादव पिता तुला राम यादव शामिल हैं. 

माता-पिता के नहीं थम रहे आंसू
फैक्टरी में काम करने वाले पुष्पराज और विजय दोनों ममेरे भाई हैं, जो काम पर गए थे. अब तक घर नहीं लौटे हैं. उनके घर के लोग उनकी वापसी का राह देख रहे हैं. मलबा में मानव अंग मिलने से उनकी वापसी की उम्मीद कम है. परिजनों के आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे.. मजदूर रामकिशन (राजू) के घर माता पिता अपने बेटे और पत्नी अपने पति के घर वापसी की राह देख रही है.  परिजनो ने बताया कि राजू टिफिन लेकर घर से निकला था. दो दिन से घर नहीं आया. फैक्ट्री की ओर से उन्हें किसी भी प्रकार की कोई भी जानकारी नहीं दी गई. 

उम्मीदें टूटीं तो किया अंतिम संस्कार
इधर, लापता हुए नरहर यदु के परिजनों ने अब उनके घर वापसी की उम्मीदे छोड़ दी हैं. सामाजिक रीति के अनुसार बोरसी के मुक्तिधाम में उनका अंतिम संस्कार कर दिया. नरहर यदु के बच्चों ने बताया कि पापा सुबह 6 बजे काम पर जाते थे और शाम को 6 बजे वापस घर आते थे. अब 2 दिन बाद भी वह घर नहीं लौटे हैं. उनके लापता होने की जानकारी फैक्ट्री से मिली है तो हम उनके घर आने की उम्मीद छोड़ चुके हैं.

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