महाराष्ट्र में बेचे जा रहे MP के बच्चे, कीमत 25000! कांग्रेस ने PM मोदी को लेटर लिख बताया सच
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महाराष्ट्र में बेचे जा रहे MP के बच्चे, कीमत 25000! कांग्रेस ने PM मोदी को लेटर लिख बताया सच

Jitu Patwari Wrote Letter To PM Modi: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले के बच्चों की महाराष्ट्र में बिक्री का सनसनीखेज मामला सामने आया है. इस मामले में MP PCC चीफ जीतू पटवारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर राज्य सरकारों की आलोचना की और बच्चों के बिकने की घटना को निंदनीय बताया है. 

Jitu Patwari Wrote Letter To PM

MP PCC Jitu Patwari Wrote Letter To PM Modi: मध्य प्रदेश के खंडवा जिले से एक सनसनीखेज मामला सामने आया है. जिले के आदिवासी बच्चों का महाराष्ट्र में सौदा करने की बात सामने आई है. इन बच्चों की कीमत 25 हजार रुपए लगाई गई. इस चौंकाने वाली घटना पर PCC चीफ जीतू पटवारी ने आवाज उठाई है. उन्होंने PM नरेंद्र मोदी को एक लेटर लिखा है, जिसमें उन्होंने MP और महाराष्ट्र दोनों राज्य सरकारों की कड़ी आलोचना की है. साथ ही बच्चों के बिकाऊ होने की घटना को निंदनीय बताया है. 

जानें पूरा मामला
PCC चीफ जीतू पटवारी ने PM मोदी को लिखे लेटर में इस पूरी घटना का खुलासा किया है. लेटर को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर शेयर करते हुए उन्होंने कहा- 'आदरणीय प्रधानमंत्री जी, महाराष्ट्र के छत्रपति संभाजीनगर के कांचनवाड़ी क्षेत्र में बच्चे बिकाऊ हैं! कीमत भी केवल 25 हजार रुपए! ये सभी बच्चे मप्र के खंडवा जिले से मजदूरी करने महाराष्ट्र गए आदिवासी परिवारों के हैं. ज्यादा पैसे के लिए खंडवा के मूंदी क्षेत्र के 11 गांवों के आदिवासी परिवार सहित महाराष्ट्र और गुजरात का रुख कर तो रहे हैं, लेकिन तंगहाली ऐसी है कि इन्हें अपने बच्चे तक बेचने पड़ रहे हैं. यह सनसनीखेज सच मध्य प्रदेश के साथ महाराष्ट्र सरकार की नीति, नियम और नीयत पर भी गंभीर सवाल उठा रहा है! केंद्र सरकार मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तत्काल तलब करे और दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करे.'

'बच्चा चाहिए तो हमारे पास है'
PCC चीफ जीतू पटवारी ने पत्र में कई खुलासे किए हैं. उन्होंने PM को लिखे पत्र में गरीबों की दयनीय हालत को उजागर किया. उन्होंने बताया कि मध्य प्रदेश के आदिवासी मजदूर महाराष्ट्र में कंस्ट्रक्शन साइट्स पर बच्चे बेच रहें हैं. इसका कारण उन्होंने मजदूरों की गरीबी और तंगहाली बताया. उन्होंने कहा कि जब काम नहीं मिलता तो कई मजदूर परिवार भीख मांगकर अपना जीवन चला रहे हैं. इन परिवारों ने बच्चों को बेचने को एक तरह की परंपरा मान लिया है. उन्होंने आगे ये भी बताया कि वे सीधे शब्दों में बच्चों के खरीदने-बेचने की बात नहीं करते. बल्कि कहते हैं कि अगर किसी को बच्चा चाहिए तो हमारे पास है. 

सरकार की नीति पर सवाल
जीतू पटवारी ने कहा कि इस खुलासे से फिर से साबित हो गया है कि मध्य प्रदेश के दलित और आदिवासी लोग बेहद गरीब और शोषित हैं. इस सनसनीखेज मामले के सामने आने पर जीतू पटवारी ने राज्य सरकारों पर हमला बोला. उन्होंने कहा कि सरकारी योजनाओं का लाभ भी उन्हें सही ढंग से नहीं मिल पा रहा है, जो कि भ्रष्टाचार की वजह से है. गरीबों को मुफ्त राशन देने की योजनाओं भी अब सबूत के साथ सामने आए इस खुलासे से संदेह में आ गई हैं. उन्होंने कहा कि ये सनसनीखेज सच मध्य प्रदेश के साथ महाराष्ट्र की सरकार की नीति, नियम और नीयत पर भी गंभीर सवाल उठा रहे हैं.  

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जीतू पटवारी ने पत्र में PM मोदी से आग्रह किया है कि केंद्र सरकार को मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री को तत्काल तलब करना चाहिए. साथ ही दोषियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई करने की बात भी कही है.

इनपुट- भोपाल से प्रमोद शर्मा की रिपोर्ट, ZEE मीडिया

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