Maharashtra News: तनातनी के बावजूद चाचा शरद पवार से मिलने भतीजे अजित पवार बार-बार पहुंच जाते हैं. पर अब चाचा से मीटिंग के तुरंत बाद अमित शाह से अजित पवार की मुलाकात ने कयासों को और तेज कर दिया है.
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Ajit Sharad Pawar Meeting: महाराष्ट्र (Maharashtra) की राजनीति में क्या खिचड़ी पक रही है? ये चर्चा हर किसी की जुबान पर है. महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार (Ajit Pawar) की एनसीपी प्रमुख शरद पवार (Sharad Pawar) से मुलाकात के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर अटकलों का दौर शुरू हो गया है. बता दें कि भतीजे अजित पवार और चाचा शरद पवार की मुलाकात ने सियासी पारा एक बार फिर बढ़ा दिया है. चाचा-भतीजे के बीच ये मुलाकात पुणे में शरद पवार के भाई प्रतापराव पवार के घर हुई. इस दौरान एनसीपी सांसद सुप्रिया सुले (Supriya Sule) भी मौजूद रहीं. हालांकि, सुप्रिया सुले ने शरद पवार और अजित पावर की इस मुलाकात को पारिवारिक मुलाकात बताया.
चाचा से मुलाकात के बाद शाह से क्यों मिले अजित?
पुणे में शरद पवार से मिलने के बाद अजित पवार स्पेशल फ्लाइट से सीधे दिल्ली पहुंचे और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से उनके आवास पर मुलाकात की. अमित शाह के साथ बैठक के दौरान अजित पवार के अलावा प्रफुल्ल पटेल और सुनील तटकरे भी मौजूद रहे. बता दें कि अजित पवार के पुणे में शरद पवार से मिलने और उसके बाद दिल्ली आकर गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करने के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में एक बार फिर कयास लगाने जाने लगे हैं.
एनसीपी पर किसका कब्जा होगा?
गौरतलब है कि एनसीपी पार्टी पर चाचा और भतीजे में से किसका कब्जा होगा, किसे पार्टी का सिंबल मिलेगा, इसको लेकर दोनों में तनातनी जारी है. चुनाव आयोग के सामने ये मामला लंबित है. अजित पवार और शरद पवार दोनों गुटों ने अपना-अपना दावा पेश किया है. बता दें कि ये सब तब शुरू हुआ था जब 2 जुलाई 2023 को अजित पवार अपने समर्थक विधायकों के साथ एकनाथ शिंदे सरकार में शामिल हो गए थे. डिप्टी सीएम पद की शपथ ले ली थी और चाचा शरद पवार का साथ छोड़ दिया था.
किसका पक्ष है ज्यादा मजबूत?
हालांकि, अगर मजबूत पक्ष की बात करें तो चाचा और भतीजे में से भतीजे का पक्ष ज्यादा स्ट्रॉन्ग नजर आता है. महाराष्ट्र में एनसीपी के टोटल 53 विधायक हैं. जिनमें 40 के समर्थन का दावा का अजित पवार करते हैं. एक तरफ, जहां अजित पवार, शिंदे सरकार में शामिल हैं. डिप्टी सीएम भी बन चुके हैं. लेकिन शरद पवार गुट अभी भी विपक्ष में बैठे हैं. अजित पवार की पहले शरद और फिर तुरंत बाद अमित शाह से मुलाकात से बड़ी राजनीतिक हलचल की अटकले लगाई जाने लगी हैं.