ममता-CBI विवाद: मामले की सुनवाई से जस्टिस नागेश्वर राव ने किया खुद को अलग, मंगलवार को होगी सुनवाई
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ममता-CBI विवाद: मामले की सुनवाई से जस्टिस नागेश्वर राव ने किया खुद को अलग, मंगलवार को होगी सुनवाई

पश्चिमी बंगाल चीफसेक्रेट्री मलय डे, DGP वीरेन्द्र कुमार, कोलकाता कमिश्नर राजीव कुमार ने अवमानना नोटिस के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कोर्ट से बिना शर्त माफी की मांग की है. कोर्ट को तय करना है कि इन्हें कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की ज़रूरत है या नहीं.

फाइल फोटो

नई दिल्ली: शारदा चिटफंड जांच में बाधा डालने के लिए पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव मलय कुमार डे, पुलिस महानिदेशक वीरेंद्र और कोलकाता पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई की अवमानना याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई टल गई है. जस्टिस एल नागेश्वरराव ने मामले की सुनवाई से खुद को अलग कर लिया है, अब अगले मंगलवार को मामले की अगली सुनवाई होगी. दरअसल, पश्चिमी बंगाल चीफसेक्रेट्री मलय डे, DGP वीरेन्द्र कुमार, कोलकाता कमिश्नर राजीव कुमार ने अवमानना नोटिस के जवाब में सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर कोर्ट से बिना शर्त माफी की मांग की है. कोर्ट को तय करना है कि इन्हें कोर्ट में व्यक्तिगत रूप से पेश होने की ज़रूरत है या नहीं.

आपको बता दें कि पिछली सुनवाई में सीबीआई की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होना पड़ेगा. हालांकि, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट कर दिया था कि फिलहाल उनकी गिरफ्तारी नहीं होगी. पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार शिलांग में सीबीआइ के सामने पेश होंगे. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की अवमानना याचिका पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को अवमानना नोटिस जारी किया था.

 

सुप्रीम कोर्ट ने तीनों अधिकारियों से अवमानना पर 18 फरवरी तक जवाब देने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि अगर जवाब देखने के बाद जरूरत लगी तो अधिकारियों को 20 तारीख को निजी तौर पर पेश होना होगा, अगर ऐसा होता है तो 19 को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सूचना दी जाएगी. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा था कि कोलकाता कमिश्नर राजीव कुमार को पूछताछ में दिक्कत क्या है? चीफ जस्टिस ने कहा था कि राजीव कुमार को पूछताछ के लिए सीबीआई के समक्ष पेश होना चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम पुलिस आयुक्त को खुद को उपलब्ध कराने और पूरी तरह से सहयोग करने का निर्देश देंगे, हम बाद में अवमानना याचिका से निपटेंगे.

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