राजस्थान में मानसून से पहले बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर, फसल हुई खराब
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राजस्थान में मानसून से पहले बारिश ने तोड़ी किसानों की कमर, फसल हुई खराब

मौसम विभाग की मानें तो 9 जिलों में आज भी संकट के बादल घिर सकते हे. मौसम विभाग ने अजमेर, अलवर, भरतपुर में बिजली गिरने की आशंका जताई है. 

बे मौसम बरसात से किसानों की खेतों में खड़ी फसल खराब हो गई है.

जयपुर: एक तरफ राजस्थान को गर्मी परेशान कर रही है,वहीं दूसरी ओर बे मौसम बारिश ने किसानों के चेहरे की चिंता और बढा दी है. श्रीगंगानगर और हनुमानगढ में हुई ओलावृष्टि से किसानों की मुश्किले और बढ़ गई है. मौसम विभाग ने प्रदेश के 9 जिलों में मौसम के बदलाव को लेकर हाई अलर्ट जारी किया है

करीब महीने भर में दूसरी बार बे मौसम बारिश से किसानों की चेहरे की चिंता और बढा दी है. एक तरफ बे-मौसम बारिश और दूसरी तरफ गर्मी से राजस्थान के कई जिलों का हाल बेहाल हो गया है. एक ओर आसमान से बरस रही आग ने शहरी और ग्रामीण लोगों की मुश्किलें बढ़ा दी है तो दूसरी ओर ओलावृष्टि से किसानों की फसल खराब हो गई है. सबसे ज्यादा मुश्किले वहां है जहां मंडियों में रखा लाखों टन अनाज बर्बाद हो गया. हालांकि अभी आकंलन नहीं लगाया जा सकता है कि कितनी बर्बादी हुई है, लेकिन किसानों के लिए चिंता इसलिए भी बढ़ गई है क्योंकि अभी खतरा टला नहीं है.

मौसम विभाग की मानें तो 9 जिलों में आज भी संकट के बादल घिर सकते हे. मौसम विभाग ने अजमेर, अलवर, भरतपुर में बिजली गिरने की आशंका जताई है. वहीं झुन्झुनू, राजसमंद, सीकर, सिरोही, उदयपुर में भी इसी तरह की संभावना व्यक्त की है. मरूधरा के कई जिलों के लिए मुश्किल भरा हो सकता है. इसके साथ साथ 40-50 किमी की रफ्तार से धूल भरी आंधी के भी आसार जताई है.

हालांकि जिन किसानों को गेहूं की खरीद की चिंता है, उनके लिए कुछ राहत की खबर ये है कि कॉपरेटिव विभाग 90 फीसदी तक चमक हीन गेंहू की खरीद कर रहा है. हालांकि इतना जरूर है कि कपास की फसल खराब होने से किसान आर्थिक तंगी से गुजर सकते है. ऐसे में बे मौसम बारिश और ओलावृष्टि ने मानसून से पहले ही किसानों की कमर तोड़ दी है.

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