डूंगरपुर में महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ो पर नजर डाले तो, जिले में एक लाख से अधिक बच्चे साधारण कुपोषण, 11 हजार से अधिक बच्चे माध्यम कुपोषण का शिकार है. इतना ही नहीं 49 बच्चे अतिकुपोषण का शिकार है.
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Dungarpur: जिले में लाखों रूपये का बजट खर्च करने के बाद भी, एक लाख से अधिक बच्चे कुपोषण का शिकार और 49 बच्चे अतिकुपोषित हैं. सरकार की ओर से कुपोषण मुक्त प्रदेश बनाने को लेकर करोड़ो रूपये का बजट पारित किया जाता है, राज्य सरकार कई प्रोग्राम चला रही हैं, लेकिन आदिवासी बहुल डूंगरपुर में हालात विकट है. जिले में अब तक कुपोषण नहीं मिट पाया है. जिले में महिला एवं बाल विकास विभाग के आंकड़ो पर नजर डाले तो, जिले में एक लाख से अधिक बच्चे साधारण कुपोषण, 11 हजार से अधिक बच्चे माध्यम कुपोषण का शिकार है. इतना ही नहीं 49 बच्चे अतिकुपोषण का शिकार है.
जिले में सरकार और प्रशासन के लाख प्रयासों के बावजूद, कुपोषण का कलंक मिटने का नाम नहीं ले रहा है. महिला एवं बाल विकास विभाग के सामने आये आंकड़ों ने जो तस्वीर बयां की है वह चौकाने वाली है. यह रिपोर्ट सरकार के दावों की पोल खोल रही है. हैरान करने वाली बात यह की जिले में 2 हजार 17 आंगनबाड़ी केंद्र संचालित है और यहां हर माह इन पर भारी भरकम बजट खर्च किया जा रहा है. बरसों से चल रही इन योजनाओं के बावजूद भी कुपोषण का आंकड़ा इसके आसपास ही बना हुआ है. ऐसे में सरकार के साथ ही प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग के लिए यह चिंता का विषय बना हुआ है.
क्या कहते है आंकड़ें
ब्लॉक साधारण कुपोषित माध्यम कुपोषित अतिकुपोषित
आसपुर 17949 1663 3
बिछीवाडा 16340 907 0
दोवडा 10759 893 4
डूंगरपुर 17593 872 23
झोथरी 9955 1826 12
सागवाडा 10887 1421 7
गलियाकोट 15781 1596 0
सीमलवाडा 10779 934 0
चिखली 5142 1269 0
कुल 115185 11381 49
क्या कहना हैं अधिकारीयों का
कुपोषण मिटाने को लेकर सरकार और महिला एवं बाल विकास विभाग की ओर से चल रही योजनाओं के बारे में उपनिदेशक कमला परमार ने बताया कि राज्य सरकार की ओर से प्रत्येक आंगनबाड़ी केंद्र पर 6 माह से लेकर 5 साल तक बच्चों का नामांकन कर उन्हें पोषाहार दिया जा रहा है. इसमें बच्चों को गर्म और पैकिंग पोषाहार के अलावा दूध पाउडर भी दिया जा रहा है, ताकि बच्चों में अच्छी ग्रोथ आए.
डिप्टी डायरेक्टर ने बताया कि बच्चों में कुपोषण को दूर करने के लिए सरकार की ओर से ''अम्मा'' प्रोजेक्ट भी चलाया जा रहा है, जिसके माध्यम से बच्चों को अमृत पोषाहार के पैकेट वितरित किए जा रहें. इसमें बच्चों के जल्द विकास को लेकर कई तरह की पौष्टिक खाद्य सामग्री शामिल है.
बहराल सरकार की ओर से कुपोषण को दूर करने के लिए कई कार्यक्रम चलाए जा रहें हैं और इस पर लाखों रुपये खर्च हो रहें हैं, लेकिन कुपोषण की स्थिति जस की तस बनी हुई है. हालांकि अम्मा कार्यक्रम चलाकर डूंगरपुर जिले में महिला एवं बाल विकास कुपोषण को काबू करने को लेकर प्रयासरत है.
Reporter - Akhilesh Sharma
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