राजस्थान मिशन 2030, टीएडी आयुक्त ने डूंगरपुर में की कार्यशाला
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राजस्थान मिशन 2030, टीएडी आयुक्त ने डूंगरपुर में की कार्यशाला

डूंगरपुर न्यूज: राजस्थान मिशन 2030 के तहत टीएडी आयुक्त ने डूंगरपुर में कार्यशाला में भाग लिया.कार्यशाला में प्राप्त सुझावों के आधार पर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग को और सुदृढ़ बनाने और इस क्षेत्र के समग्र विकास का रोडमैप तैयार होगा.

राजस्थान मिशन 2030, टीएडी आयुक्त ने डूंगरपुर में की कार्यशाला

डूंगरपुर न्यूज: जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग आयुक्त ताराचंद मीणा डूंगरपुर जिले के एक दिवसीय दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग की ओर से डूंगरपुर ईडीपी सभागार में राजस्थान मिशन- 2030 को लेकर कार्यशाला में भाग लिया.

लगभग तीन घंटे तक चली इस कार्यशाला के दौरान जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग से संबंधित विभिन्न योजनाओं, कार्यक्रमों, छात्रावासों, शैक्षणिक उन्नयन, रोजगार परक शिक्षा, उन्नत कृषि तकनीक, चिकित्सा, आधारभूत सुविधाओं सहित अन्य महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार विमर्श हुआ.

कार्यशाला में  जिला स्तरीय अधिकारियों, बहुउद्देश्यीय छात्रावासों के अधीक्षक, वार्डन, छात्राएं, गैर-सरकारी संगठनों के प्रतिनिधियों, और प्रबुद्धजनों ने राजस्थान मिशन-2030 को लेकर बहुमूल्य सुझाव दिए.

क्षेत्र के सामाजिक, शैक्षणिक, राजनीतिक और आर्थिक उन्नयन से संबंधित इन सुझावों को राज्य सरकार के विजन डॉक्यूमेंट में शामिल करने के लिए उच्च स्तर पर भिजवाया जाएगा. कार्यशाला में आयुक्त मीणा ने कहा कि जनजाति क्षेत्र को विकास की मुख्यधारा में लाना मुख्यमंत्री  अशोक गहलोत की प्राथमिकता है.

1000 करोड़ के बजट का प्रावधान

मुख्यमंत्री गहलोत ने बजट में जनजाति क्षेत्रीय विकास के लिए 1000 करोड़ के बजट का प्रावधान किया है. कई योजनाएं चलाई जा रही हैं. राजस्थान मिशन-2030 के तहत जमीनी स्तर पर जाकर फीडबैक लेना और राज्य को देश का अग्रणी राज्य बनाने के लिए विजन डॉक्यूमेंट में सभी हितधारकों के सुझाव, आकांक्षाओं और चुनौतियों को संकलित करना है.

प्रशासनिक सेवाओं में प्रतिनिधित्व बढ़ाने की आवश्यकता

कार्यशाला में प्राप्त सुझावों के आधार पर जनजाति क्षेत्रीय विकास विभाग को और सुदृढ़ बनाने और इस क्षेत्र के समग्र विकास का रोडमैप तैयार होगा. उन्होंने कहा कि जनजाति क्षेत्रों के युवाओं का प्रशासनिक सेवाओं में प्रतिनिधित्व बढ़ाने की आवश्यकता है. निजी क्षेत्रों में भी रोजगार का काफी स्कोप है, इसके लिए भी युवाओं को खुद को तैयार करना चाहिए.

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