निजी बाल गृह में बच्चों से लैंगिक हिंसा का मामला, संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू
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निजी बाल गृह में बच्चों से लैंगिक हिंसा का मामला, संचालकों के खिलाफ कार्रवाई शुरू

आयोग ने बाल गृह में रह रहे बच्चों को सुरक्षित दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर दिया है. आयोग इस मामले में बाल गृह संचालकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.

कमेटी ने जांच पाया कि बाल गृह में आवासित बच्चों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त स्टाफ की कमी है.

Jaipur: शहर के एक निजी बाल गृह में बच्चों से लैंगिक हिंसा (Sexual violence) का सनसनीखेज मामला सामने आया है. राज्य बाल अधिकार आयोग (State Child Rights Commission) की ओर से गठित टीम के निरीक्षण में यह मामला सामने आया. 

आयोग ने बाल गृह में रह रहे बच्चों को सुरक्षित दूसरे स्थान पर शिफ्ट कर दिया है. आयोग इस मामले में बाल गृह संचालकों के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है.

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शहर में संचालित एक निजी बाल गृह के खिलाफ राज्य बाल अधिकार आयोग को शिकायत मिली. शिकायत में बताया गया कि निजी बाल गृह में आवासित बच्चों के साथ लंबे समय से लैंगिक हिंसा हो रही है. इस प्रकरण की संवेदनशीलता को देखते हुए बाल आयोग अध्यक्ष संगीता बेनीवाल ने तुरंत संज्ञान लेते हुए एक उच्च स्तरीय जांच कमेटी का गठन किया. इस कमेटी में आयोग के सदस्य डॉ. शैलेंद्र पाण्डया, डॉ विजेंद्र सिंह, वंदना व्यास, नुसरत नकवी और आयोग के अधिकारी शामिल थे. जांच कमेटी ने गृह का औचक निरीक्षण किया और इस दौरान कई अनियमितताएं पाई गईं. 

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पाई गईं ये खामियां
- कमेटी ने जांच पाया कि बाल गृह में आवासित बच्चों की संख्या के हिसाब से पर्याप्त स्टाफ की कमी है, जिससे बच्चों की देख-रेख सही से नहीं हो पा रही है .
-  कमेटी के सदस्यों ने बच्चों से बातचीत में पाया कि रात में गैर आवासित बच्चे भी गृह में आकर छोटे बच्चों के साथ गलत व्यवहार करते हैं.
- बाल गृह में न तो गार्ड तैनात किया गया है, ना ही एंट्री रजिस्टर रखा गया है और ना ही स्टाफ का कोई उपस्थिति रजिस्टर है.
-  टीम ने पाया यह गृह किशोर न्याय अधिनियम के नियमों के आधारित संचालित नहीं हो रहा है.
- जांच टीम ने बाल कल्याण समिति और चाइल्ड लाइन को मौके पर बुलाकर बाल गृह के बच्चों को दूसरे सुरक्षित स्थान पर शिफ्ट करवाया.
-  आयोग कार्यालय में बुधवार को फुल कमीशन की बैठक में जांच कमेटी ने मामले की रिपोर्ट बाल आयोग अध्यक्ष को सौंपी.

 

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