आज देश का आम बजट पेश होगा. ये बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए होगा. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ( Finance Minister Nirmala Sitharaman ) सुबह करीब 11 बजे सदन में देश का आम बजट पेश करेंगी.
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Budget 2022 Expectations: आज देश का आम बजट पेश होगा. ये बजट वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए होगा. देश की वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Finance Minister Nirmala Sitharaman) सुबह करीब 11 बजे सदन में देश का आम बजट पेश करेंगी. कोरोना की मार झेल रही इस अर्थव्यवस्था को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. बड़ा सवाल ये है कि क्या ये बजट देश की अर्थव्यवस्था के लिए बूस्टर डोज़ साबित होगा ? आज का बजट ये तय करेगा कि आने वाले एक साल में भारत की अर्थव्यवस्था (Economy)किस रास्ते पर जाएगी. सुबह 11 बजे वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जब संसद में बजट पेश करेंगी तो 135 करोड़ भारतीय उनके एक एक शब्द को गौर से सुनेंगे. सिर्फ देश ही नहीं दुनिया भर के लिए भारत का आम बजट मायने रखता है क्योंकि भारत दुनिया की सबसे शक्तिशाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है.
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कोरोना जैसी महामारी की तीन लहर झेल चुके देश को इस बजट से काफी उम्मीदें हैं. कृषि हो उद्योग जगत हो इंफ्रास्ट्रक्चर (Infrastructure) हो या फिर घरेलू ज़रूरतें हर कोई चाहता कि बजट में हालात बेहतर करने वाले उपाय शामिल हों. किसान, उद्यमी, व्यापारियों और नौकरीपेशा से लेकर दिहाड़ी मजदूरों और असंगठित क्षेत्र तक हर वर्ग को बजट से आशाएं हैं. महिलाओं और पेंशनधारी बुजुर्गों को भी वित्त मंत्री से राहत की अपेक्षा है. ऐसे में ये कहना गलत नहीं है कि ये देश की उम्मीदों का बजट है.
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सोमवार को बजट सत्र के पहले दिन वित्त मंत्री ने आर्थिक सर्वे पेश किया. उम्मीद जताई जा रही है कि चालू वित्त वर्ष में भारत की GDP 9.2 फीसदी की दर से बढ़ने वाली है. और अगले वित्त वर्ष में इसमें कुछ कमी आ सकती है. अनुमान है कि इकोनॉमी आठ से साढ़े आठ फीसदी की दर से बढ़ सकती है. फिलहाल देश के सामने महंगाई, रोज़गार और डिमांड जेनरेशन यानी मांग को बढ़ाना तीन बड़ी चुनौतियां हैं. पिछले दो साल में कोरोना काल के दौरान देश में अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी पड़ी. उद्योग-व्यापार के सामने संकट खड़ा हुआ और बेरोजगारी की समस्या बढ़ने लगी. हालांकि अब कोरोना की रफ्तार धीमी पड़ी है और अर्थव्यवस्था पटरी पर लौट रही है. ऐसे में आम बजट से उम्मीद की जाती है कि वो अर्थव्यवस्था को तरक्की का बूस्टर डोज देगा ताकि भारत दुनिया की सबसे मजबूत आर्थिक महाशक्ति बनने की राह पर आगे बढ़ सके.