बजट सत्र में भागीरथ चौधरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में अग्निशमन सेवाओं के लिए उठाया मुध्धा
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बजट सत्र में भागीरथ चौधरी ने ग्रामीण क्षेत्रों में अग्निशमन सेवाओं के लिए उठाया मुध्धा

लोकसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अभी भी ग्रामीण भारत की एक बहुत बडी समस्या है और जिसका समाधान अति आवश्यक है. 

 

भागीरथ चौधरी.

Dudu: लोकसभा में चल रहे बजट सत्र के दौरान अजमेर सांसद भागीरथ चौधरी ने ग्रामीण भारत एवं पंचायत राज के महत्वपूर्ण मुद्दे अग्नीशमन सेवाओं को पंचायतराज के अधीन करने हेतु आवश्यक संवैधानिक प्रावधान शून्यकाल के दौरान सदन में उठाया.

अपने वक्तव्य में सांसद भागीरथ चौधरी ने कहा कि 
हम एक उन्नत और प्रगतिशिल युग में निरन्तर विकास के नए सोपान गढ रहे है. भारत जो कि कृषि प्रधान देश रहा है और इसकी आत्मा गांवों में निवास करती है. ग्रामीण भारत के लिए माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रयासों से अब शहरी और ग्रामीण सुविधाओं का अन्तर समाप्त हो गया है. ग्रामीण भारत में भी अब महानगरों की तरह बिजली, पानी इंटरनेट की सुविधा से अब नया भारत बन रहा है. चौधरी ने सदन का ध्यान आकर्षित करते हुए कहा कि अभी भी ग्रामीण भारत की एक बहुत बडी समस्या है और जिसका समाधान अति आवश्यक है. 

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ग्रामीण भारत में किसानों एवं ग्रामीणों की जमा पूंजी उसके खेत, खलिहान, बाडों में होती है, पशुपालन ग्रामीण भारत की रीढ है और ग्रामीण क्षेत्रों में दुग्ध उत्पादन के लिए पाले जाने वाले पशु, गाय, भैंस, भेड, बकरी आदि भी ग्रामीणों के परिवार की तरह ही होते है लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में आग की घटनाएं होने पर बडी संख्या में मवेशियों की आग में जलकर मौत का ग्रास बन जाते है. खेत खलिहान नष्ट हो जाते है जिससे लोगों की जीवन भर की कमाई स्वाह हो जाती है. 

जब भी अग्नि शमन सेवाओं की बात आती है, हमारा सारा ध्यान शहरी क्षेत्रों में अग्नि शमन सेवाओं के विस्तार पर ही जाता है. ग्रामीण क्षेत्रों में अभी तक इस दिशा में पिछले 70 वर्षो में कोई सार्थक एवं ठोस प्रयास नही हुआ है. अग्निशमन सेवाओं को शहरी निकायों के अधीन किया गया है, ऐसे में ग्रामीण क्षेत्रों में जब आग लगने की घटनाएं होती है तो अग्निशमन के वाहन घटना स्थल तक पहुंचने में लम्बा समय लग जाता है और तब तक सब कुछ नष्ट हो चुका होता है. 

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ग्रामीण क्षेत्रों हेतु अग्निशमन सेवाओं हेतु ऐसा कोई प्रावधान अभी तक बाध्यकारी नही है. अब जब हम ग्रामीण और शहरी सीमाओं में सुविधाओं के अन्तर को पाट रहे है ऐेसे में अग्निशमन सेवाओं को ग्रामीण क्षेत्रों हेतु नजरअन्दाज नही किया जा सकता. जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में लगने वाली आग काफी भयंकर और जान माल की क्षति करने वाली होती है. इस सम्बन्ध में पंचायत राज अपनी महत्पूर्ण भूमिका निभा सकता है. पंचायत समिति स्तर पर यदि अग्नि शमन वाहन होंगे तो कम समय में घटना स्थलों पर पहुंच होगी और जानमाल के नुकसान को रोका जा सकता है. 

सांसद चौधरी ने प्रधानमंत्री और केन्द्रीय पंचायत राज मंत्री से आग्रह किया है कि पंचायत अधिनियम में पंचायत समिति स्तर पर अनिवार्य अग्नीशमन सेवाओं का प्रावधान कराने हेतु सदन में आवश्यक कार्यवाही करावें ताकि नए ग्रामीण भारत में होने वाली आग की घटनाओं से राहत मिल सकें, जोकि आधुनिक ग्रामीण भारत की तरफ ग्रामीण क्षेत्रों में सुरक्षा हेतु मील का पत्थर होगा.

Reporter: Amit Yadav

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