Rajasthan में गहराया बिजली संकट, जानिए कहां होगी कितनी कटौती
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Rajasthan में गहराया बिजली संकट, जानिए कहां होगी कितनी कटौती

राजस्थान में कोयले की कमी और तकनीकी कारणों से 3100 मेगावाट क्षमता के थर्मल पॉवर प्लांट्स बंद है.

प्रतीकात्मक तस्वीर

Jaipur: राजस्थान में बिजली संकट (Power Crisis) गहरा रहा है. कोल कंपनियों से कोयले की सीमित आपूर्ति ने उत्पादन प्रक्रिया पर असर डाला है. राजस्थान (Rajasthan News) में कोयले की कमी और तकनीकी कारणों से 3100 मेगावाट क्षमता के थर्मल पॉवर प्लांट्स (Thermal power plants) बंद है. इसमें 1750 मेगावाट बिजली उत्पादन केवल कोयले की आपूर्ति सामान्य नहीं होने से बंद है.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) इस पूरे मसले पर सक्रिय हुए है. कोयले की कमी से राजस्थान में भी विद्युत संकट गहरा गया है. अब कस्बें और शहरी इलाकों में रोजाना 1 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 3 से 4 घंटे तक घोषित तौर पर बिजली कटौती (Power Cut) होगी. शहरों और कस्बों में 1 घंटे और ग्रामीण इलाकों में 4 से 5 घंटे बिजली कटौती होगी. 

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मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बिजली उपयोग को लेकर मितव्ययता की अपील के बाद बिजली कंपनियों (Power companies) ने कटौती करने का भी निर्णय लिया है. इस वक्त 3500 मेगावाट बिजली उत्पादन कम हो रहा है. इनमें कोयले (Coal) की कमी और तकनीकी कारणों से 10 थर्मल प्लांटों में बिजली उत्पादन (Power generation) पर सीधा असर पड़ा है.

प्रदेश में गहरा रहा है विद्युत संकट
-कोयला की कमी से थर्मल प्लांट्स पर बंद होने का खतरा
-मानसून की विदाई से प्रतिदिन खपत पहुंची 24 करोड़ यूनिट
-एक सप्ताह में ही खपत 9 हजार से बढ़कर हुई 12,500 मेगावाट
-सूरतगढ थर्मल की 250 मेगावाट की 5 इकाईयां बन्द
-छबड़ा थर्मल की 250 मेगावाट की 2 इकाईयों में उत्पादन प्रभावित
-तकनीकी कारणों से छबड़ा की 660 मेगावाट की एक इकाई
-कालीसिंध की 600 मेगावाट की एक इकाई
-छबड़ा थर्मल की 250 मेगावाट की 3 इकाईयां है बन्द
-कोल कंपनियों से कोयला सप्लाई को लेकर लगातार संपर्क में ऊर्जा महकमा
-3 दिन का कोयला थर्मल पॉवर प्लांट्स के पास रिजर्व

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देशभर के पॉवर प्लांट्स इसका सामना कर रहे हैं
थर्मल प्लांट्स में कोयले की कमी का संकट केवल राजस्थान में ही नहीं है, देशभर के पॉवर प्लांट्स इसका सामना कर रहे हैं. देश में बिजली की कुल खपत 12,420 करोड़ यूनिट है. कोयला खत्म (Coal Crisis) होने पर आपूर्ति में 33 फीसदी तक की कमी आने की आशंका है.

देश में कोयले से बिजली उत्पादन क्षमता 203 गीगावाट है
देश में कोयले से बिजली उत्पादन क्षमता 203 गीगावाट है. हमारी 70 फीसदी बिजली कोयले से पैदा होती है. फिलहाल कंपनियां उन्हीं कंपनियों को पहले कोयला देंगी, जिन्होंने बकाए का भुगतान कर दिया है. राजस्थान सरकार (Rajasthan Government) ने भी हाल ही में कोल कंपनियों को बकाया भुगतान में तेजी दिखाई है. राजस्थान में मानसून की हो रही विदाई और लगातार गर्मी बढ़ने के कारण बिजली की मांग में 3 हजार 500 मेगावाट की बढ़ोतरी हुई हैं. 

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राजस्थान में वर्तमान मांग 12,500 मेगावाट की है
पिछले सप्ताह बिजली की मांग 9 हजार मेगावाट के लगभग चल रही थी, वह अब 12 हजार 500 मेगावाट तक पहुंच गई है. प्रदेश में 20 करोड़ यूनिट प्रतिदिन चल रही विद्युत खपत भी बढकर 24 करोड़ यूनिट प्रतिदिन हो गई हैं. सूरतगढ थर्मल पावर प्लांट (Suratgarh Thermal Power Plant) की 250 मेगावाट की 6 इकाइयों व छबड़ा थर्मल की 250 मेगावाट की 2 इकाइयों तथा कोटा थर्मल (Kota Thermal) की 1240 मेगावाट की 7 इकाइयों के लिए कोयला कोल इंण्डिया लिमिटेड (Coal India Limited) की सबसीडरी कम्पनीज एनसीएल और एसईसीएल से मिल रहा है. हालात यह है कि कोयला रैक समय पर रवाना हो इसके लिए राजस्थान के ऊर्जा महकमे के अधिकारी, सिंगरौली सहित कोल माइंस पर भेजे गए है. राजस्थान में वर्तमान मांग 12,500 मेगावाट की है. 

राजस्थान में वर्तमान बिजली उपलब्धता
8500 मेगावाट सरकारी संसाधन
1500 मेगावाट निजी संसाधन/ओपन मॉर्केंट से खरीद
500 मेगावॉट की जगह केवल 60 मेगावाट पवन ऊर्जा की उपलब्धता

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राजस्थान में बिजली संकट
-कोयले की कमी के चलते बिजली कंपनियों का बड़ा निर्णय
-घोषित रूप से 1 से 4  घंटे की बिजली कटौती का सिड्यूल जारी
-शहरी क्षेत्रों में 1 घंटे का पॉवर कट लागू
-ग्रामीण क्षेत्रों में 3 से 4 घंटे की रहेगी बिजली कटौती
-जयपुर डिस्कॉम के 10 जिलों में आज से पॉवर कट लागू
-दौसा, जयपुर जिला वृत, टोंक और सवाईमाधोपुर में शाम 4 से 5 बजे
-भरतपुर, करौली, कोटा, झालावाड़, बूंदी सहित शाम 5 से 6 बजे रहेगा 1 घंटे पॉवर कट
-सभी जिला मुख्यालयों, अलवर और भरतपुर में राहत
-ऊर्जा प्रबंधन के आधार पर तय होगी विद्युत कटौती
-कोयले की कमी से विद्युत उत्पादन कई इकाइयों में ठप्प
-3500 मेगावाट से अधिक थर्मल बिजली उत्पादन प्रदेश में बंद

मौसम परिवर्तन पर कमी आई है
अक्टूबर महिने में भारत सरकार के कोयला मंत्रालय (ministry of coal) के सब-ग्रुप ने 7 कोयले की रेक प्रतिदिन देने का निर्णय लिया था, लेकिन राजस्थान को 1 से 5 अक्टूबर के मध्य कोयले की केवल 4 रेक प्रतिदिन ही मिल पाई है. विण्ड पावर जो सामान्यतया 500 से 1000 मेगावाट मिलती थी, उसमें भी मौसम परिवर्तन पर कमी आई है. कोल इंडिया द्वारा कोयले की पर्याप्त आपूर्ति नहीं होने की वजह से कोयले की कमी के कारण सूरतगढ थर्मल की 250 मेगावाट की 5 इकाईयां बन्द है. 

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छबड़ा थर्मल की 250 मेगावाट की 2 इकाईयों के लिए कोल इंण्डिया (Coal India) द्वारा काफी समय से कोयले की आपूर्ति नहीं की जा रही है. इसके अलावा अन्य तकनीकी कारणों से छबड़ा की 660 मेगावाट की एक इकाई, कालीसिंध की 600 मेगावाट की एक इकाई व छबड़ा थर्मल की 250 मेगावाट की 3 इकाईयां बन्द हैं. इसका सीधा असर मांग और आपूर्ति पर दिख रहा है. प्रदेश में संभावित बिजली संकट को लेकर पूरा ऊर्जा महकमा अलर्ट मोड पर आ चुका है. प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में पॉवर कट शुरू है, कस्बे और कई शहर भी अब इसकी जद में आने वाले है.

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