Rajasthan News: 5 साल में पूरा होगा ERCP का सपना, राजस्थान सरकार पर 4 हजार करोड़ का कर्जभार, बाकी केंद्र सरकार खर्च करेगी
Advertisement
trendingNow1/india/rajasthan/rajasthan2094502

Rajasthan News: 5 साल में पूरा होगा ERCP का सपना, राजस्थान सरकार पर 4 हजार करोड़ का कर्जभार, बाकी केंद्र सरकार खर्च करेगी

Rajasthan ERCP  : राजस्थान और मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद ईस्टर्न राजस्थान कैनाल (ERCP) पर दोनों प्रदेशों के बीच एमओयू (MoU) हो चुका है. ईआरसीपी को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

Rajasthan News:  5 साल में पूरा होगा ERCP का सपना, राजस्थान सरकार पर 4 हजार करोड़ का कर्जभार, बाकी केंद्र सरकार खर्च करेगी

Rajasthan ERCP News : राजस्थान और मध्यप्रदेश में भाजपा की सरकार बनने के बाद ईस्टर्न राजस्थान कैनाल (ERCP) पर दोनों प्रदेशों के बीच एमओयू (MoU) हो चुका है. ईआरसीपी को लेकर केंद्रीय जल शक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की.

ईआरसीपी को लेकर गजेंद्र सिंह शेखावत की प्रेस कॉन्फ्रेंस 

इसमें उन्होंने परियोजना के बारे में पीपीटी के जरिए डिटेल से समझाया. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस पर ईआरसीपी को लेकर राजनीति करने का आरोप लगाया.

शेखावत ने कहा कि ईआरसीपी को राष्ट्रीय परियोजना घोषित करवाने के लिए राजस्थान की सरकार ने 5 साल तक राजनीति की. यह राष्ट्रीय परियोजना इसलिए घोषित नहीं हो सकती थी क्योंकि राज्य पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश की की सहमति नहीं थी. कांग्रेस सरकार के लिए 13 जिलों की लगभग तीन करोड़ आबादी के प्यास बुझाने से राजनीतिक ज्यादा महत्व रखती थी.

राजस्थान सरकार इस मुद्दे पर फेल हो गई थी इसलिए बात आगे नहीं बढ़ सकी. राजनीतिक बयानबाजी से मुझे कई आभूषणों से विभूषित भी किया गया. निकम्मा, अकर्मण्य क्या-क्या नहीं कहा गया. इस योजना के जरिए अब 13 नहीं बल्कि 21 जिलों को लाभ मिलेगा. इस परियोजना में कुल 40 हजार करोड़ खर्च होंगे, जिसमें से राज्य को 4 हजार करोड़ खर्च करना होगा, बाकी केंद्र सरकार खर्च करेगी.

ERCP के सभी फायदे मौजूदा परियोजना में भी शामिल

जल शक्ति मंत्री ने बताया कि इस परियोजना में पूर्व की ईआरसीपी की सभी चीजें शामिल हैं. इसमें 9 जिलों में 80,000 हैक्टेयर की सिंचाई, धौलपुर सवाई माधोपुर दो जिलों में 2 लाख हैक्टेयर नई कमांड सृजित करने और औद्योगिक आवश्यकता के लिए 286 एमसीएम पानी की व्यवस्था करना शामिल है. इसमें पीने का पानी, इंडस्ट्री और खेती का पानी तीनों का व्यवस्था जो है.

ये भी पढ़ें- WFI Controversy : साक्षी मलिक ने एक बार फिर ब्रज भूषण शरण सिंह से जुड़े लोगों पर साधा निशाना

पहले की परियोजना में मात्र तीन जिलों अजमेर, जयपुर और टोंक के पीने के पानी की व्यवस्था थी जबकि 13 में से 10 जिलों के लिए ना तो एक बूंद भी पीने का पानी और ना ही सिंचाई का पानी था.

युमना नहर परियोजना से शेखावाटी क्षेत्र को होगा फायदा

केंद्रीय जल शक्ति मंत्री ने युमना नहर परियोजना को लेकर कहा कि इस पर भी कांग्रेस ईआरसीपी की तरह काम नहीं कर पाई. इसको लेकर हरियाणा सरकार के साथ चर्चा कर रहे हैं. मुझे पूरा भरोसा है कि इसको लेकर बहुत जल्द खुशखबरी मिलेगी. इससे शेखावाटी के झुंन्झुनूं, सीकर और चूरू जिलों को फायदा होगा.

Trending news