Rajasthan News: वाहन फिटनेस जांच केन्द्रों पर परिवहन विभाग की फिजा-2018 पॉलिसी की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. वाहन फिटनेस जांच केन्द्रों की एक महीने में एक भी जांच नहीं हुई है.
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Jaipur News: वाहन फिटनेस जांच केन्द्रों को लेकर परिवहन विभाग लगातार सख्ती बरत रहा है. पिछले तीन माह में एक दर्जन वाहन फिटनेस केन्द्रों को निलंबित किया जा चुका है. लेकिन फिटनेस केन्द्रों की जांच के लिए विभाग ने जो इंटर रीजन चैकिंग टीमें बनाई थी, उन टीमों में से अभी एक ने भी अपनी रिपोर्ट सब्मिट नहीं की है.
वाहन फिटनेस जांच केन्द्रों पर परिवहन विभाग की फिजा-2018 पॉलिसी की जमकर धज्जियां उड़ाई जा रही हैं. दरअसल सबसे रोचक बात तो यह है कि इन केन्द्रों पर ऐसे वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी कर दिए जाते हैं, जो कभी जांच के लिए गए ही नहीं होते. यानी केवल कागजों के आधार पर और मोबाइल के फोटो पोर्टल पर अपलोड करके वाहनों के फिटनेस प्रमाण पत्र जारी किए जा रहे हैं. हालांकि परिवहन विभाग ने इसे रोकने के लिए समय-समय पर अभियान चलाए हैं और सम्बंधित रीजन के अफसरों को फिटनेस केन्द्रों की जांच के लिए निर्देश भी दिए हैं. लेकिन इसके बावजूद फिटनेस केन्द्रों की गड़बड़ियां रुकने का नाम नहीं ले रही हैं.
इसी दिशा में परिवहन विभाग ने पिछले माह इंटर रीजन चैकिंग टीमें गठित की थी. इनमें एक रीजन के अफसरों को दूसरे रीजन के फिटनेस केन्द्रों की जांच के निर्देश दिए गए. रोचक यह है कि डीटीओ के साथ जो 2 परिवहन निरीक्षक लगाए गए हैं, वे भी अलग रीजन से लिए गए हैं. ऐसे में मिलीभगत की आशंका नहीं के बराबर है. परिवहन विभाग ने इन टीमों का गठन 25 जुलाई को कर दिया था और जांच के लिए निर्देश जारी किए थे. इन टीमों को फिटनेस केन्द्रों की मशीनरी और कार्यप्रणाली के निरीक्षण के लिए कहा गया था.
यह बनाए थे जांच दल
- जयपुर RTO प्रथम के फिटनेस केन्द्रों की जांच जालोर डीटीओ छगन मालवीय को
जयपुर RTO द्वितीय के केन्द्रों की जांच सिरोही डीटीओ रजनीश विद्यार्थी को
- दौसा RTO के फिटनेस केन्द्रों की जांच डूंगरपुर डीटीओ अनिल माथुर को
- भरतपुर RTO के केन्द्रों की जांच सुमेरपुर डीटीओ रामेश्वर वैष्णव को
- अलवर RTO के फिटनेस केन्द्रों की जांच अजमेर डीटीओ राजीव विजय को
- सीकर RTO के केन्द्रों की जांच केकड़ी डीटीओ दयाशंकर गुप्ता को
- बीकानेर RTO के केन्द्रों की जांच किशनगढ़ डीटीओ अनूप चौधरी को
- अजमेर RTO के केन्द्रों की जांच जयपुर प्रथम के डीटीओ सुनील सैनी को
- जोधपुर RTO के केन्द्रों की जांच जयपुर प्रथम के डीटीओ रमेश पांडे को
- पाली RTO के केन्द्रों की जांच जयपुर द्वितीय के डीटीओ संजय शर्मा को
- उदयपुर RTO के केन्द्रों की जांच ब्यावर डीटीओ आरके चौधरी को
- चित्तौड़गढ़ RTO के केन्द्रों की जांच पाली डीटीओ विजय मीना को
- कोटा RTO के फिटनेस केन्द्रों की जांच शाहपुरा डीटीओ यशपाल यादव को
बड़ी बात यह है कि जांच दल का गठन हुए करीब एक माह का समय बीत चुका है, लेकिन अभी तक विभाग में एक भी रीजन के फिटनेस केन्द्रों की जांच रिपोर्ट सब्मिट नहीं हुई है. विभाग से जुड़े सूत्रों का कहना है कि फिटनेस केन्द्रों की इस इंटर रीजन चैकिंग में अधिकांश जिला परिवहन अधिकारी और परिवहन निरीक्षक रुचि नहीं दिखा रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक प्रदेशभर में अभी तक एक भी फिटनेस केन्द्र की जांच नहीं की गई है. किसी भी दल ने जांच नहीं की है, इस वजह से रिपोर्ट भी सब्मिट नहीं की है. इस बीच प्रदेश के कई फिटनेस केन्द्रों पर गड़बड़ियां जारी हैं.
क्याें जरूरी है फिटनेस केन्द्रों की जांच ?
- कई वाहन मालिक सालों पुराने वाहनों को सड़कों पर चलाते रहते
- यदि वाहनों की समय पर जांच होगी तो खटारा वाहन सड़क पर नहीं चलेंगे
- खटारा वाहनों पर रोक लगने से सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी
- लेकिन फिटनेस केन्द्रों पर बगैर वाहन लाए ही प्रमाण पत्र बनाए जा रहे
- ऐसे में वाहनों की सही तरीके से फिटनेस जांच नहीं हो पा रही
- पुराने, खटारा, आमजन के लिए खतरनाक वाहन भी सड़कों पर दौड़ रहे
- इसलिए फिटनेस केन्द्रों की नियमित जांच व कार्रवाई होना जरूरी