प्रदेश में लंपी स्किन के प्रकोप के बीच पशु चिकित्साकर्मी सामूहिक अवकाश पर चले गए है. इस बीच पशुपालन सचिव पीसी किशन ने भी इन पर सख्ती का मानस बना लिया है.
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Jaipur: प्रदेश में लंपी स्किन के प्रकोप के बीच पशु चिकित्साकर्मी सामूहिक अवकाश पर चले गए है. इस बीच पशुपालन सचिव पीसी किशन ने भी इन पर सख्ती का मानस बना लिया है. पीसी किशन ने कहा कि एक अगस्त से ही विभाग ने सभी अधिकारी कर्मचारियों की छुट्टियां निरस्त कर दी हैं, ऐसे में इन लोगों को छुट्टी पर जाने का अधिकार ही नहीं था. एक सवाल के जवाब में किशन ने कहा कि इन कर्मचारियों को छुट्टी पर जाने से रोकने के लिए रेस्मा लगाने की जरूरत इसलिए नहीं है क्योंकि बीमारी को देखते हुए विभाग ने पहले से सभी छुट्टियों पर रोक लगा रखी है.
पशुपालन सचिव ने कहा कि लंपी स्किन यानि एलएसजी और पशु चिकित्साकर्मी यानि एलएसए की मांगों का कोई मेल नहीं है. साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग ने उनकी अधिकांश मांगे मान ली है और उन पर काम भी जारी है. किशन ने कहा कि तीन मांग ऐसी है जिन पर वित्त विभाग ही फैसलाकर सकता है, ऐसे में मांग मानें जाने के बावजूद सामूहिक अवकाश पर जाने का एलएसए का फैसला सही नहीं है.
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साथ ही उन्होंने कहा कि विभाग में एलएसए के तीन में से दो गुट काम पर हैं और जिस गुट के कर्मचारी सामूहिक अवकाश का दावा कर रहे हैं, उनमें से भी आधे से ज्यादा जिलों में लोग काम पर लौट आए है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि गौ-माता की सेवा के लिए कोई संकट नहीं आने दिया जाएगा. विभाग ने लंपी के खिलाफ लड़ाई में बेरोजगार पशु चिकित्सक और बेरोजगार एलएसए की मदद लेना शुरू कर दिया है. इसके लिए उन्हें दो महीने का अनुभव प्रमाण पत्र भी दिया जाएगा, जिससे भविष्य में होने वाली भर्ती में उन्हें वरीयता मिल सके.
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