मुकेश सोनी, कोटा: संभाग का सबसे बड़ा मातृ एवं शिशु चिकित्सालय जेके लोन (JK Lon) बच्चों के स्वास्थ्य को लेकर सजग नहीं है. शिशु रोग विभागाध्यक्ष एनआरएचएम रैंकिंग में जेके लोन आईसीयू (ICU) को एसएमएस से भी बेहतर बताते हैं लेकिन जेके लोन में आईसीयू की हकीकत उनके दावों की पोल खोल रही है. अस्पताल का आईसीयू ही संक्रमण दे रहा है.
48 घंटे में 10 बच्चों की मौत के बाद अस्पताल प्रशासन ने अपनी सफाई देते हुए एनआईसीयू डेथ आंकड़ों में जेके लोन के रिकॉर्ड को बेहतर बताया था. यहां तक कि शिशु रोग विभागाध्यक्ष दावा कर रहे हैं कि उनके अस्पताल में विश्व स्तरीय सुविधाएं हैं.
जब जी मीडिया ने हकीकत जानी तो सिस्टम में खामियां मिली. शिशु रोग विभाग के एफबीएनसी यूनिट में बीते कई दिनों से ऊपर बने वार्ड के बाथरूम का गंदा पानी टपक रहा है जबकि इस वार्ड में बाहर की हवा तक नहीं जानी चाहिए. इससे बच्चों में संक्रमण का खतरा हो सकता है. आईसीयू में गंदा पानी टपक रहा है. उसके बावजूद जिम्मेदार लोग विश्व स्तरीय सुविधा होने का दावा कर रहे हैं.
कुछ समय पहले राउंड के दौरान अस्पताल अधीक्षक को मामले की जानकारी लगी तो उन्होंने छत पर व्हाइट सीमेंट लगाने के निर्देश दिए लेकिन समस्या जस की तस नजर आई. मजबूर परिजनों को कई बार खुद गंदे पानी को साफ करना पड़ता. परिजनों का कहना है कि उन्होंने अपने जिगर के टुकड़ों को इंफेक्शन से बचाने के लिए आईसीयू में भर्ती करवाया लेकिन यहां दुर्गंध ने जीना दुश्वार कर रखा है.