Bulldozer Action: 'आरोपी हो या दोषी', आप नहीं गिरा सकते किसी का घर, प्रदेश में हो रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख
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Bulldozer Action: 'आरोपी हो या दोषी', आप नहीं गिरा सकते किसी का घर, प्रदेश में हो रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

Hearing on bulldozer action in Supreme Court: राजस्थान, उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश में हो रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी और सख्त टिप्पणी की है. हालही में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ''अगर कोई सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? पढ़ें खबर विस्तार से...

Bulldozer Action: 'आरोपी हो या दोषी', आप नहीं गिरा सकते किसी का घर, प्रदेश में हो रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट का कड़ा रुख

Rajasthan Bulldozer Action: राजस्थान, उत्तर प्रदेश के अलावा मध्य प्रदेश में हो रहे बुलडोजर एक्शन पर सुप्रीम कोर्ट ने कड़ी और सख्त टिप्पणी की है. हालही में एक याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ''अगर कोई सिर्फ आरोपी है तो प्रॉपर्टी गिराने की कार्रवाई कैसे की जा सकती है? अगर कोई दोषी भी हो, तब भी ऐसी कार्रवाई नहीं की जा सकती है" इसके अलावा अदालत ने यह भी कहा कि आरोपी के परिवार को किसी भी तरह से इसका खामियाजा नहीं भुगतना चाहिए. आरोपी को नोटिस जारी करने के बाद ही कार्रवाई करनी चाहिए.  बता दें कि जमीयत-उलेमा-ए-हिंद बुलडोजर के खिलाफ SC गई थी। अगली सुनवाई 17 सितंबर को होगी.

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सरकार की कार्रवाई पर उठाया सवाल 
सुप्रीम कोर्ट ने सरकार की कार्रवाई पर सवाल उठाया है, कहा कि सिर्फ आरोपी होने की वजह से किसी का घर नहीं गिराया जा सकता है, भले ही वह दोषी ही क्यों न हो. इसके जवाब में सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि किसी अपराध में दोषी साबित होने पर भी घर नहीं ढहाया जा सकता है यह बात बिल्कुल सही है. उन्होंने आगे कहा कि जिनके खिलाफ कार्रवाई हुई है, वो किसी अपराध के आरोपी होने की वजह से नहीं बल्कि अवैध कब्जे या निर्माण के लिए हुई है.

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उदयपुर मामले में हुई सुनवाई 
उदयपुर में बीती 16 अगस्त को 10वीं कक्षा में पढ़ने वाले छात्र की चाकू से वार कर हत्या कर दी थी, जिसके बाद पुलिस ने जांच शुरू की. जानकारी के लिए बता दें कि आरोपी छात्र के अवैध रूप से बने घर को गिराने के बाद यह सुनवाई हो रही है. इस मामले में 2 सितंबर को सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की बेंच ने सुनवाई की. जिसके बाद अदालत ने आरोपियों के घर पर हो रहे बुलडोजर एक्शन को लेकर सख्त टिप्पणी की है. वहीं सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने आरोपी की अचल संपत्ति को गिराने की बात को गलत मानते हुए सहमति जताई है. 

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जमीयत उलेमा-ए-हिंद ने दायर की याचिका 
जमीयत उलेमा-ए-हिंद की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई चल रही है, जिसमें आरोपियों के खिलाफ बुलडोजर कार्रवाई पर रोक लगाने की मांग की गई है. याचिकाकर्ता ने हाल ही में यूपी, मध्य प्रदेश और राजस्थान में हुई बुलडोजर कार्रवाई पर सवाल उठाया है. याचिका में आरोप लगाया गया है कि राज्य सरकारें अल्पसंख्यकों के खिलाफ उत्पीड़न का चक्र चलाने और उन्हें डराने के लिए उनके घरों और संपत्तियों पर बुलडोजर चलाने को प्रोत्साहित कर रही हैं.

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