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नई दिल्ली: पूरी दुनिया में कोरोना के तेजी से बढ़ते मामलों के बीच आज भी कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) और मास्क (Mask) को कवच के तौर पर प्रचारित किया जाता रहा है. कोरोना के डेल्टा वैरिएंट की तुलना में जितनी तेजी से ओमिक्रॉन फैला उसे देखते हुए एक बार फिर मास्क की सलाह पर पुनर्विचार की जरूरत महसूस हो रही है. जिसके बाद एक शोध के नतीजों में साबित हुआ है कि कोरोना से बचाव के लिए मास्क की तुलना में रेस्पिरेटर पहनना ज्यादा बेहतर है.
ऑस्ट्रिया ने महामारी की शुरुआत के कुछ समय बाद से ही सार्वजनिक जगहों पर रेस्पिरेटर पहनना अनिवार्य कर दिया गया था. दुनिया के कई देशों में मास्क को अपग्रेड करना जरूरी है इस विषय पर तेजी से चर्चा हो रही है. इस बीच अमेरिका (US) के रोग नियंत्रण व रोकथाम केंद्र (सीडीसी) ने रेस्पिरेटर को मास्क की तुलना में अधिक सुरक्षित माना है. इसी के साथ यह सुझाव भी दिया है कि कोविड से बचाव के लिए मास्क को अपग्रेड करने का वक्त आ चुका है.
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स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं और प्रयोगशाला में काम करने वाले लोगों पर हुए अध्ययनों में इस बात के पुख्ता सुबूत मिले हैं रेस्पिरेटर स्रोत नियंत्रण और व्यक्तिगत सुरक्षा के मास्क की तुलना में काफी प्रभावी हैं. अगर संक्रमित व संपर्क में आने वाले व्यक्ति ने पूरी तरह से फिट रेस्पिरेटर मास्क पहना है, तो 25 घंटे तक संक्रमण से सुरक्षित रहा जा सकता है. वहीं, अगर संक्रमित और संपर्क में आए व्यक्ति ने कपड़े का मास्क पहना है, तो 26 मिनट के भीतर संक्रमित होने का खतरा होगा.
रेस्पिरेटरों को अक्सर लोग सामान्य तौर पर एडवांस मास्क मान लेते हैं, लेकिन यह विशेष मानकों को पूरा करने वाले व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण होते हैं, जो वायुजनित खतरनाक बैक्टीरिया, वायरस व प्रदूषकों को सांस में मिलेने से रोकने के लिए बनाए जाते हैं.
N95 रेस्पिरेटर- N-95 रेस्पेरेटर्स एक पीपीई है. यह एक टाइट सील फेस मास्क है जो 95 प्रतिशत 0.3 माइक्रोन कणों को फिल्टर कर सकता है. ये दूसरे मास्क के ढीले सिरों या उनकी पतले मेटेरियल के जरिए फिसलने वाले पार्टिकुलेट मैटर से सुरक्षा प्रदान करता है. ये पहनने वाले और संक्रमित व्यक्ति के आस-पास खड़े व्यक्ति दोनों को सुरक्षा प्रदान करता है. इस मास्क का डिजाइन हेल्थ केयर वर्कर्स और कंस्ट्रक्शन साइट पर काम करने वाले वर्कर के लिए किया गया है.
शुरुआत में कोविड को खांसी और छींक के जरिये फैलने वाला माना गया, जिसके आधार पर मास्क को स्रोत पर नियंत्रण का एक कुशल व किफायती तरीका माना गया. लेकिन, अब साफ है कि वायरस हवा के जरिये फैलता है. सांस लेने और बोलने के दौरान खासतौर पर बंद जगहों पर यह लंबे समय तक हवा मौजूद रह सकता है. आपको बता दें कि भारत में रेस्पिरेटर की कीमत चार-पांच हजार रुपये से शुरू होती है.
-सांस की बीमारी यानी दमा या फिर हार्ट प्रॉबलम वाले लोगों को N95 Respirators का उपयोग करने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह और अपनी सेहत की जांच करनी चाहिए क्योंकि इसे बिना सलाह लिए पहनने से सांस लेने में मुश्किल आ सकती है.
-FDA द्वारा स्वीकृत N95 Respirators को सिंगल यूज यानी डिस्पोजेबल उपकरणों के रूप में तैयार किया जाता है. यदि आपका रेस्पिरेटर फट गया है या गंदा है, या उसे पहनने के बाद यदि सांस लेन में मुश्किल हो रही हो तो उसे फौरन बदल देना चाहिए.
-अपने N95 Respirators मास्क को सुरक्षित रूप से त्यागने के लिए इसे प्लास्टिक की थैली में रखें और कूड़ेदान में डाल दें. उसे छूने के बाद ढंग से हाथ धोंए.
-N95 रेस्पिरेटर बच्चों के लिए नहीं बनाए गए हैं. क्योंकि बच्चों और कुछ खास आकार वाले चेहरों पर इन्हें सही तरीके से फिट नहीं किया जा सकता है. इसलिए जबरदस्ती इनका यूज न करें.
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