शारदा चिटफंड घोटाला: IPS राजीव कुमार की हिरासत के लिए SC ने CBI से मांगे पर्याप्त सबूत
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शारदा चिटफंड घोटाला: IPS राजीव कुमार की हिरासत के लिए SC ने CBI से मांगे पर्याप्त सबूत

सीबीआई ने राजीव कुमार पर सबूत मिटाने और जांच में असहयोग का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की है. इससे पहले कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया था.

सीबीआई ने राजीव कुमार पर सबूत मिटाने और जांच में असहयोग का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की है.

नई दिल्ली: कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग वाली अर्जी पर सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से शारदा चिटफंट घोटाले के सबूत नष्ट करने में राजीव कुमार के शामिल होने के सबूत मांगे हैं. मामले पर सुप्रीम कोर्ट में कल (1 मई) भी सुनवाई होगी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा- 'CBI सबूत दे कि राजीव शारदा चिटफंट घोटाले के सबूत नष्ट करने में शामिल रहे हैं. CBI ने राजीव कुमार पर सबूत मिटाने और जांच में असहयोग करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की है. दरअसल, सीबीआई ने राजीव कुमार पर सबूत मिटाने और जांच में असहयोग का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की है. इससे पहले कोलकाता के पूर्व पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार ने सुप्रीम कोर्ट में जवाब दाखिल किया था.

पिछली सुनवाई में राजीव कुमार से मांगा गया था जवाब
हलफनामे में राजीव कुमार ने कहा था कि BJP नेताओं मुकुल रॉय और कैलाश विजयवर्गीय के कहने पर कार्रवाई हो रही है.राजीव कुमार ने अपनेदावे के समर्थन में ऑडियो क्लिप भी कोर्ट में सौंपी है. CBI ने राजीव पर शारदा चिटफंट केस के सबूत मिटाने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तारी की मांग की है. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने CBI की अर्जी पर राजीव कुमार से जवाब मांगा था और चीफ जस्टिस रंजन गोगोई ने कहा था कि अगर हमें ज़रूरी लगा तो गिरफ्तारी पर लगी रोक हटा देंगे. 

CBI का आरोप, राजीव कुमार ने सबूत नष्ट किए
उधर, सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार की उस अर्जी को ख़ारिज कर दिया था, जिसमें राजीव कुमार ने मांग की थी कि सुप्रीम कोर्ट सीबीआई डायरेक्टर को आदेश दे कि कोर्ट में दाखिल होने वाले सभी हलफनामों और अर्जियों पर सीबीआई डायरेक्टर हस्ताक्षर करे. आपको बता दें कि CBI ने राजीव कुमार को हिरासत में लेकर पूछताछ की मांग की है. CBI ने अर्जी में कहा है कि राजीव कुमार SIT प्रमुख रहते बड़े लोगों को बचाया है और सबूत नष्ट किए हैं. अर्जी में ये भी कहा गया है कि शिलांग में हुई पूछताछ में राजीव कुमार सहयोग नहीं किया था ऐसे में सुप्रीम कोर्ट उन्हें गिरफ्तार करने पर लगाई गई अंतरिम रोक हटा ले.  

कोर्ट ने कहा, दोनों पक्षों को सुनेंगे
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने पश्चिम बंगाल के चीफ सेकेट्री मलय डे, डीजीपी वीरेंद्र कुमार के खिलाफ अदालत की अवमानना के मामले को बंद करने से इंकार कर दिया था. सीबीआई ने राजीव कुमार से पूछताछ के बाद स्टेटस रिपोर्ट दाखिल की थी. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि राजीव कुमार के खिलाफ सीबीआई की स्टेटस रिपोर्ट में किए खुलासे बहुत गम्भीर है, लेकिन चूंकि रिपोर्ट सीलबंद कवर में है, लिहाजा कोर्ट के लिए कोई आदेश करना सही नहीं करेगा.कोर्ट ने सीबीआई को 10 दिनों के अंदर उचित एप्लीकेशन दायर करने को कहा था. कोर्ट ने राजीव कुमार को 10 दिनों के अंदर सीबीआई की अर्ज़ी पर जवाब देने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि हम कोई अंतिम राय बनाने से पहले दोनों पक्षों को सुनेंगे.  

गौरतलब है कि सीबीआई की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने राजीव कुमार को सीबीआई के सामने पेश होने का निर्देश दिया था.पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार शिलांग में सीबीआइ के सामने पेश होंगे.सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई की अवमानना याचिका पर पश्चिम बंगाल के मुख्य सचिव, डीजीपी और कोलकाता के पुलिस कमिश्नर राजीव कुमार को अवमानना नोटिस जारी किया था. सुप्रीम कोर्ट ने तीनों अधिकारियों से अवमानना पर 18 फ़रवरी तक जवाब देने को कहा था. कोर्ट ने कहा था कि अगर जवाब देखने के बाद जरूरत लगी तो अधिकारियों को 20 तारीख को निजी तौर पर पेश होना होगा, अगर ऐसा होता है तो 19 को सुप्रीम कोर्ट से उन्हें सूचना दी जाएगी. 

सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने सवाल पूछा था कि कोलकाता कमिश्नर राजीव कुमार को पूछताछ मेंदिक्कत क्या है? चीफ जस्टिस ने कहा था कि राजीव कुमार को पूछताछ के लिए सीबीआइ के समक्ष पेश होना चाहिए और जांच में सहयोग करना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि हम पुलिस आयुक्त कोखुद को उपलब्ध कराने और पूरी तरह से सहयोग करने का निर्देश देंगे, हम बाद में अवमाननायाचिका से निपटेंगे.

इनपुट: महेश गुप्ता

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