भारतीय मंत्री के संबोधन समाप्त कर जाते ही पाकिस्तानी मंत्री बैठक में शामिल हो गए.
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न्यूयार्क: संयुक्त राष्ट्र महासभा से इतर दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) के विदेश मंत्रियों की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर (S Jaishankar) के संबोधन के दौरान पाकिस्तान ने बैठक का बहिष्कार किया. जयशंकर गुरुवार को जब बैठक को संबोधित कर रहे थे, पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी इससे दूर रहे. भारतीय मंत्री के संबोधन समाप्त कर जाते ही पाकिस्तानी मंत्री बैठक में शामिल हो गए.
पाकिस्तान ने यह हरकत ऐसे समय की है जब वह लगातार भारत पर ही सार्क और दक्षिण एशियाई एकता में बाधा उत्पन्न करने का आरोप लगाता रहा है.
आतंकवाद का सफाया जरूरी
भारतीय विदेश मंत्री ने बैठक में कहा कि आतंकवाद का हर रूप में सफाया करना ना सिर्फ दक्षिण एशियाई पड़ोसियों के बीच सार्थक सहयोग के लिए बल्कि क्षेत्र के अपने अस्तित्व के लिए भी पूर्व शर्त है. उन्होंने कहा कि "सार्क वास्तव में सिर्फ चूके हुए अवसरों की नहीं बल्कि जानबूझकर बाधाओं में फंसने की कहानी भी है. आतंकवाद उनमें से एक है."
दक्षिण एशियाई उपग्रह का हवाला देते हुए, उन्होंने बताया कि भारत कैसे उस पहल को अंजाम दे रहा है जो पड़ोस को समृद्ध कर रहा है. दक्षिण एशियाई उपग्रह को सार्क क्षेत्र में गरीबी दूर करने के लिए वैज्ञानिक समाधान का पता लगाने के उद्देश्य से 2017 में लॉन्च किया गया था.
क्या है सार्क
दक्षिण एशियाई क्षेत्रीय सहयोग संगठन (SAARC) एशिया के देशों का समूह है. इसमें भारत, पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश, भूटान, मालदीव, नेपाल और श्रीलंका समेत 8 देश शामिल हैं.
इसलिए बौखलाया है पाकिस्तान
भारत सरकार ने 5 अगस्त को जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले संविधान के अनुच्छेद 370 के कई प्रावधानों को समाप्त कर दिया था जिसके बाद से पाकिस्तान के साथ उसका तनाव बढ़ गया है.
EAM, S Jaishankar: Example of South Asian Satellite shows how India has been taking up initiatives that bear prosperity to the neighbourhood. South Asian satellite was launched in 2017 with an intention to arrive at scientific solutions to address poverty in the SAARC region. https://t.co/9cOgiEPsI2 pic.twitter.com/OSHUkuGqcT
— ANI (@ANI) September 26, 2019
कश्मीर मुद्दे पर भारत के फैसलों पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पाकिस्तान ने नई दिल्ली के साथ अपने कूटनीतिक रिश्तों को कमतर किया और भारतीय उच्चायुक्त को हटा दिया था.
पाकिस्तान कश्मीर के मुद्दे को इंटरनेशनल लेवल पर उठाने की पुरजोर कोशिश में लगा है जबकि भारत ने साफ कर दिया है कि अनुच्छेद 370 को समाप्त करना उसका आंतरिक मामला है.