गुजरातः पाटीदार आरक्षण नेता कथेरिया 2015 के देशद्रोह मामले में गिरफ्तार
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गुजरातः पाटीदार आरक्षण नेता कथेरिया 2015 के देशद्रोह मामले में गिरफ्तार

मामला 2015 में पीएएएस की तरफ से आयोजित आरक्षण आंदोलन से जुड़ा हुआ है.

फाइल फोटो- डीएनए

सूरतः पाटीदार अनामत आंदोलन समिति के नेता अल्पेश कथेरिया को 2015 में अमरोली थाने में दर्ज देशद्रोह के मामले में सोमवार को गिरफ्तार कर लिया गया. सूरत के अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (अपराध) आर आर सरवैया ने बताया कि कथेरिया को यहां के नजदीक वेलांजा गांव से गिरफ्तार किया गया. मामला 2015 में पीएएएस की तरफ से आयोजित आरक्षण आंदोलन से जुड़ा हुआ है जिसके तहत सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में पाटीदार समुदाय के लिए आरक्षण की मांग की गई थी.

पुलिस ने अदालत को बताया था कि पार्किंग को लेकर हुए विवाद में कथेरिया ने जमानत की शर्तों का उल्लंघन किया था जिसके बाद सूरत की एक अदालत ने 15 जनवरी को उनकी जमानत रद्द कर दी थी. जमानत रद्द करने के खिलाफ कथेरिया की याचिका गुजरात उच्च न्यायालय में लंबित है. पुलिस ने कहा कि कथेरिया एक दोस्त की शादी में शामिल होने के लिए गांव गया हुआ था जहां उसे गिरफ्तार कर लिया गया.

हार्दिक पटेल लड़ सकते है चुनाव
गुजरात के पाटीदार नेता हार्दिक पटेल ने समाचार एजेंसी आईएएनएस को दिए राजनैतिक रूप से महत्वपूर्ण एक बयान में कहा कि वह केंद्र की तरफ से सामान्य वर्ग के आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग को सरकारी नौकरियों और शिक्षा में 10 प्रतिशत का आरक्षण दिए जाने से संतुष्ट हैं. 

पटेल ने कहा कि वह आगामी लोकसभा चुनाव लड़ सकते हैं. पटेल ने बुधवार को आईएएनएस से कहा, "मैं गैर-पिछड़े वर्गो के लिए 10 प्रतिशत आरक्षण के निर्णय से खुश हूं, लेकिन पहले इसे सर्वोच्च न्यायालय द्वारा स्वीकृत करने दीजिए." उन्होंने कहा, "लेकिन, इसके साथ ही, पाटीदार अनामत आंदोलन समिति (पीएएएस) का आंदोलन तबतक जारी रहेगा, जबतक यह आरक्षण वास्तविक अर्थो में लागू नहीं होता और पाटीदार (पटेल) युवाओं को वास्तव में इससे फायदा नहीं होता."

पटेल ने लखनऊ से टेलीफोन पर कहा, "मेरी प्राथमिकता पाटीदारों के लिए सरकारी नौकरियों और शैक्षणिक संस्थानों में आरक्षण है. हम सर्वणों के लिए केंद्र से आरक्षण के संबंध में घोषणा पाने में सफल हुए हैं लेकिन हम सर्वोच्च न्यायालय द्वारा इसे स्वीकृत किए जाने तक इंतजार करेंगे."उन्होंने कहा कि आरक्षण के अलावा, उनकी मुख्य मांग चार वर्ष पहले के आंदोलन में पाटीदारों के खिलाफ दर्ज पुलिस केस वापस लेना और 'उन पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करना है, जिन्होंने हमारे युवाओं पर अत्याचार किया था.'

लखनऊ की रैली में आगामी लोकसभा चुनाव लड़ने की घोषणा करने के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, "हां, मैं चुनाव लड़ सकता हूं, लेकिन अभी इस दिशा में कोई खास कदम नहीं उठाया गया है." यह पूछे जाने पर कि वह गुजरात में कहां से चुनाव लड़ सकते हैं, उन्होंने कहा, "अरे बॉस, कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है. आप मीडियाकर्मी यही पूछते रहते हैं कि मैं चुनाव लड़ूंगा या नहीं. मेरा जवाब है कि हो सकता है, लेकिन अभी कुछ फाइनल नहीं हुआ है."

पटेल ने कहा कि पहले वह उम्र के कारण संवैधानिक रूप से चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थे, लेकिन जुलाई 2018 में 25 वर्ष के हो जाने के बाद अब वह चुनाव लड़ सकते हैं. क्या वह सौराष्ट्र क्षेत्र के अमरेली सीट से चुनाव लड़ सकते हैं, इस पर उन्होंने कहा, "कुछ भी फाइनल नहीं हुआ है, आप वही प्रश्न पूछ रहे हैं. उन्होंने यह भी कहा कि भाजपा के विरुद्ध उनकी लड़ाई जारी रहेगी. पटेल ने कहा, "युवाओं के लिए नौकरियों के अलावा, मैंने किसानों के लिए भी लाठी खाई है जो कॉरपोरेट सेक्टर के पक्ष में सरकार की असंतुलित नीतियों की वजह से मुसीबत में हैं."

(इनपुट भाषा और आईएएनएस से)

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