विधानसभा में बीजेपी के इकलौते विधायक ओ राजागोपाल ने इस प्रस्ताव का विरोध किया.
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सिद्धार्थ एमपी, तिरुवनंतपुरम: नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ 10 गैर बीजेपी शासित प्रदेशों के आवाज बुलंद करने के बाद अब केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन ने इस प्रस्ताव को रद्द करने की मांग विधानसभा में कर दी है. आज राज्य विधानसभा में मुख्यमंत्री विजयन ने सीएए को रद्द करने का एक प्रस्ताव पेश किया जिसे पारित कर दिया गया है. प्रस्ताव को पेश करते हुए देश के इकलौत वाम शासित मुख्यमंत्री ने कहा, 'नागरिकता कानून धर्मनिरपेक्ष नजरिए और देश के ताने-बाने के खिलाफ है और इसके लागू होने से नागरिकता देने में धर्म के आधार पर भेदभाव होगा.'
विधानसभा में बीजेपी के इकलौते विधायक ओ राजागोपाल ने इस प्रस्ताव का विरोध किया. उन्होंने कहा, 'यह गैरकानूनी है क्योंकि संसद के दोनों सदनों ने सीएए कानून को पारित कर दिया है. यह संकीर्ण राजनीतिक मानसिकता को दर्शाता है.'
Kerala: BJP MLA O Rajagopal opposes the resolution moved by Chief Minister against #CitizenshipAmendmentAct, in the State Assembly; says, 'It shows the narrow political mindset.' https://t.co/tOZWpMAUzm
— ANI (@ANI) December 31, 2019
इस प्रस्ताव का समर्थन करते हुए सीपीआई नेता सी दिवाकरन ने कहा, 'विधानसभा इस तरह के प्रस्ताव को स्थानांतरित करने के लिए मजबूर है. हम भारत में विरोध की एक श्रृंखला देख रहा है, जो हमने पहले नहीं देखी थी. इस प्रस्ताव को आगे बढ़ाते हुए, विधानसभा दुनिया को एक संदेश भेज रही है.
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मुख्यमंत्री ने प्रस्ताव पेश करते हुए कहा, 'सीएए संविधान के आधारभूत मूल्यों और सिद्धांतों के विरोधाभासी है.' विजयन ने कहा, 'देश के लोगों के बीच चिंता को देखते हुए केंद्र को सीएए को वापस लेने के कदम उठाने चाहिए और संविधान के धर्मनिरपेक्ष नजरिए को बरकरार रखना चाहिए.' विजयन ने विधानसभा को यह भी आश्वासन दिया कि इस दक्षिणी राज्य में कोई निरोध केंद्र नहीं खोला जाएगा.
उधर तमिलनाडु के विपक्ष के नेता एमके स्टालिन ने केरल विधानसभा द्वारा उठाए गए प्रस्ताव का स्वागत किया. स्टालिन ने तमिलनाडु के मुख्यमंत्री से 6 जनवरी को बुलाई गई तमिलनाडु विधानसभा में भी इसी तरह का प्रस्ताव अपनाने का आग्रह किया. "लोग चाहते हैं कि प्रत्येक राज्य विधानसभा ऐसा करे, ताकि संविधान के आधार सिद्धांतों की रक्षा हो सके."