गांव के बच्चों के लिए वरदान, बैलगाड़ी में चलती है यह लाइब्रेरी
दर्गेनहल्ली गांव में बैलगाड़ी से चलती फिरती लाइब्रेरी चल रहा है. गांव के बच्चों को अब घर बैठे मुफ्त में किताबें पढ़ने को मिल रही है. पिछले छह महिने से काशिनाथ कोली नामका युवक सोलापूर के दर्गेनहल्ली गांव में बैलगाड़ी में लाइब्रेरी चला रहा है.
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संजय पंवार, पुणे: सोलापुर के दर्गेनहल्ली गांव को किताब पढ़ने वालों की संख्या बढ़े. इसके लिए एक शख्स पिछले 6 महीने से प्रयास कर रहा है. दर्गेनहल्ली गांव में बैलगाड़ी से चलती फिरती लाइब्रेरी चल रहा है. गांव के बच्चों को अब घर बैठे मुफ्त में किताबें पढ़ने को मिल रही है. पिछले छह महिने से काशिनाथ कोली नामका युवक सोलापूर के दर्गेनहल्ली गांव में बैलगाड़ी में लाइब्रेरी चला रहा है. उसके पास तकरीबन डेढ़ हजार किताबें है, जो चलती फिरती बैलगाड़ी लाइब्रेरी से ग्रामीण इलाके के बच्चों तक पहुंचता है.