नागपुर में कांग्रेस के नाना पटोले की मुश्‍क‍िलें बढ़ीं, दलित संगठन बोले-टि‍कट दिया तो हम वोट नहीं देंगे
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नागपुर में कांग्रेस के नाना पटोले की मुश्‍क‍िलें बढ़ीं, दलित संगठन बोले-टि‍कट दिया तो हम वोट नहीं देंगे

कांग्रेस नाना पटोले को बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ उतारने की सोच रही है. नाना पटोले भंडारा से बीजेपी के सांसद रहे हैं.

 

नाना पटोले 2014 में बीजेपी के ट‍िकट पर चुनाव जीते थे. फोटो :ट्विटर

जितेंद्र शिंगाडे, नागपुर: महाराष्‍ट्र में नागपुर लोकसभा सीट के लिए कांग्रेस हाइकमान नाना पटोले के नाम पर विचार कर रही है. लेकिन नागपुर के दलित संगठनों ने कांग्रेस नेता नाना पटोले का विरोध किया है. दलित संगठनों ने कहा है कि नाना पटोले को छोड़कर किसी को भी कांग्रेस अपना प्रत्याक्षी बनाए. इस बारे में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को ईमेल किया गया है. बीजेपी नेता और केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी के खिलाफ कांग्रेस नाना पटोले को उतारने की सोच रही है. नाना पटोले भंडारा से बीजेपी के सांसद रहे हैं.

2014 में बीजेपी के टिकट पर चुन कर आए. लेकिन बीजेपी के खिलाफ बागी तेवर कायम रहे. इसके चलते पार्टी से इस्तीफा भी दिया. इसके बाद वह कांगेस में शामिल हो गए. भंडारा सीट एनसीपी के कोटे में है. जहां उपचुनाव में एनसीपी ने जीत दर्ज की है. ऐसे में कांग्रेस नाना पटोले को नागपुर से उतारना चाहती है. ताकि गडकरी के खिलाफ मुकाबला कड़ा हो. नाना पटोले कांग्रेस के विधायक भी रह चुके हैं. जो अपने बागी रुख के कारण प्रदेश कांग्रेस नेताओं से नाराज होकर बीजेपी चले गए थे. बीजेपी के खिलाफ अब बागी होकर घर वापसी की है.

2006 से जुड़ा है विवाद
2006 में खैरलांजी में दलित भोतमांगे परिवार के चार लोगों की हत्या की गई थी. उस वक्त नाना पटोले यहां से निर्दलीय विधायक थे. दलित संगठनों का आरोप है कि खैरलांजी परिवार के हत्या करने वाले आरोपि‍यों का साथ नाना पटोले ने दिया था. आरोपि‍यों को बचाने के लिए प्रयास करने का आरोप दलित संगठनों ने लगाया है. इसके चलते नाना पटोले के कांग्रेस प्रत्याक्षी बनाए जाने का दलित संगठन विरोध कर रहे हैं. इसको लेकर दलित संगठन और आंबेडकर विचारों के संगठनों ने राहुल गांधी को ईमेल किया है. इसमे लिखा गया है की नाना पटोले को कांग्रेस प्रत्याक्षी ना बनाया जाए. दलित समाज उन्‍हें वोट नहीं देगा.

नागपुर में दलित समाज के साढ़े चार लाख मतदाता हैं. जो कांग्रेस का वोट बैंक रहा है. दलित संगठन नाना पटोले से नाराज हैं. प्रोफेसर प्रदीप आगलावे का कहना है कि बीजेपी के खिलाफ सभी को एक साथ आना चाहिए. ऐसे हालात में खैरलांजी दलित हत्या के आरोपियों के साथ खड़े रहे नाना पटोले को कांग्रेस टिकट ना दे. इस संदर्भ में हमने 14 मार्च को एक कार्यकर्ता शिविर आयोजित किया है.

धम्म सेना के अध्यक्ष रवि शेंडे का कहना है कि भोतमांगे परिवार के इकलौते जीवित व्‍यक्‍ति भैय्यालाल भोतमांगे को न्याय दिलाने के लिए हम सुप्रीम कोर्ट तक गए. नाना पटोले की उस समय की भूमिका हमारे विरोध में थी. दलित आंबेडकरी जनता के मन में उनके खिलाफ गुस्सा है.

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