AN-32 विमान के दुर्घटना वाली जगह के लिए रवाना हुआ बचाव दल
Advertisement
trendingNow1539214

AN-32 विमान के दुर्घटना वाली जगह के लिए रवाना हुआ बचाव दल

अरुणाचल प्रदेश के दुर्गम क्षेत्र में मंगलवार (11 जून) को 9 दिन बाद भारतीय वायु सेना के AN-32 एयरक्राफ्ट के दुर्घटनाग्रस्त मलबे को भारतीय वायु सेना के Mi 17 हेलीकाप्टर से खोज निकाला.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः सेना, वायु सेना और पर्वतारोहियों के एक दल ने अरुणाचल प्रदेश में एएन-32 विमान के मलबे वाली जगह पर जाने के लिए बुधवार को उड़ान भरी. यह दल इस हादसे में यात्रियों के जीवित बचे होने की संभावनाओं का पता लगाने के लिए गया है. अधिकारियों ने यह जानकारी दी. वायुसेना के एमआई-17 हेलीकॉप्टर ने मंगलवार को एएन-32 विमान का मलबा पहाड़ी इलाके के घने जंगल में देखा था. इस विमान के लापता होने के आठ दिनों बाद इसका मलबा देखा गया था. इसमें कुल 13 लोग सवार थे. 

एक अन्य अधिकारी ने बताया कि यह बचाव दल हादसे में लोगों के जीवित होने के बारे में जानकारी जुटायेगा. रूस निर्मित एएन-32 विमान असम के जोरहाट से तीन जून को चीन की सीमा के निकट मेनचुका एडवांस्ड लैंडिग ग्राउंड जा रहा था. उसके उड़ान भरने के 33 मिनट में ही दोपहर एक बजे संपर्क टूट गया.

विमान के लापता होने के बाद वायु सेना ने व्यापक तलाश अभियान शुरू कर दिया और गत मंगलवार को विमान का मलबा लिपो क्षेत्र के उत्तर में करीब 12,000 फुट की ऊंचाई पर देखा गया. वायु सेना ने कहा कि विमान में सवार किसी व्यक्ति के जीवित बचे होने की संभावनाओं का पता लगा लगाया जा रहा है. हालांकि सबसे खराब दुर्घटना में से एक इसमें किसी के जीवित बचे होने की संभावना कम ही है. वायु सेना के प्रवक्ता ने बताया कि पूर्वी वायु कमान के एयर ऑफिसर कमांडिंग इन चीफ एयर मार्शल आरडी माथुर ने तलाश दल की उसके आठ दिनों तक किए निरंतर प्रयासों की सराहना की. 

एयर मार्शल माथुर ने लापता एएन-32 विमान का पता लगाने के काम में वायु सेना की मदद करने के लिए अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री पेमा खांडू और मुख्य सचिव सत्या गोपा का भी आभार जताया. प्रवक्ता ने कहा, ‘‘राज्य के गौरवान्वित और अत्यधिक देशभक्त लोगों ने राष्ट्रीय कार्य के लिए भारतीय वायु सेना की मदद करने के लिए निरंतर कार्य किया.’’ 

Trending news