राजस्थान में शिक्षकों ने उच्च शिक्षा मंत्री पर लगाया बड़ा आरोप, सीएम से की शिकायत
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राजस्थान में शिक्षकों ने उच्च शिक्षा मंत्री पर लगाया बड़ा आरोप, सीएम से की शिकायत

शिक्षकों ने आरोप लगाया है कि उच्च शिक्षा विभाग को बीजेपी के और आरएसएस के लोगों द्वारा चलाया जा रहा है.

अब उच्च शिक्षा मंत्री भी कांग्रेस समर्थित शिक्षक संगठनों से घिरते हुए नजर आ रहे हैं

जयपुर: राजस्थान के उच्च शिक्षा विभाग में अब कांग्रेस समर्थित शिक्षक और उच्च शिक्षा मंत्री एक दूसरे के आमने-सामने हो गए हैं. खबर के मुताबिक, शिक्षक संगठन उच्च शिक्षा मंत्री पर आरएसएस समर्थित शिक्षकों को बढ़ावा देने के आरोप लगा रहे है. यहां तक कि शिक्षक संगठन रुक्टा के पदाधिकारियों ने उच्च शिक्षा मंत्री के खिलाफ शिकायत सोनिया गांधी और मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को भेजी है. 

शिक्षक संगठन रुक्टा के पदाधिकारी और गांधी सदभावना एवं ग्रामोत्थान संस्थान के अध्यक्ष डॉ, विक्रम सिंह गुर्जर ने कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत सहित कांग्रेस के तमाम बड़े नेताओं को पत्र लिखकर उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी की शिकायत की है. जिसमें आरोप लगाया है कि उच्च शिक्षा में बीजेपी नेताओं के परिजन और परिचतों के तबादलों को वरियता दी जा रही है. जबकि बीजेपी सरकार के दौरान जो कांग्रेस समर्थित शिक्षक प्रताड़ित थे उनकी सूध नहीं ली जा रही है.

वहीं, डॉ. विक्रम सिंह गुर्जर ने आरोप लगाया है कि उच्च शिक्षा विभाग को बीजेपी के और आरएसएस के लोगों द्वारा चलाया जा रहा है. शैक्षणित गतिविधियों में भी इनका ही ज्यादा दखल है. साथ ही कांग्रेस विचारधारा के शिक्षकों के दूर-दराज के इलाकों में तबादला किया जा रहा है. विक्रम सिंह गुर्जर ने आरोप लगाया है कि 'बीजेपी नेता अखिल शुक्ला की पत्नी, इसी तरह भाजपा के पूर्व मंत्री अरुण चतुर्वेदी की पत्नी सहित 10 से ज्यादा आरएसएस के लोग या उनके परिजन आयुक्तालय या भाषा विभाग में बने हुए हैं. इसके साथ ही कांग्रेस समर्थित लोगों को तरकिनार किया जा रहा है'.

वहीं, दूसरी ओर उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने इन सभी आरोपों को सिरे से नकारा है. भंवर सिंह भाटी का कहना है कि 'उच्च शिक्षा विभाग में किसी भी प्रकार से राजनीति द्वेष से कार्य नहीं किया जाएगा. इसके साथ ही जिन कॉलेजों में शिक्षकों को पद खाली पड़े हैं, वहां भी ध्यान रखा जाएगा'. इस पर विक्रम सिंह के आरोपों का जवाब देते हुए भाटी ने कहा की 'प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में सरकारी कॉलेज ज्यादा हैं और ऐसे में अगर सभी शिक्षकों को जयपुर लगा दिया जाता है तो ग्रामीण क्षेत्रों का अध्यापन कार्य कौन करवाएगा'.

उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि 'प्रदेश के उच्च शिक्षा विभाग में करीब 2 हजार पद खाली पड़े हैं. ऐसे में जो संसाधान विभाग के पास उपलब्ध हैं, उन्हीं से काम चलाया जा रहा है, जब तक नई भर्तियां ना हो जाए'. वहीं भंवर सिंह भाटी ने सवाल के जवाब में कहा कि 'मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने पहले ही अपनी मंशा स्पष्ट कर दी थी कि शिक्षा विभाग में किसी भी प्रकार से राजनीति द्वेष के चलते काम नहीं होगा. शिक्षकों से समान रूप से व्यवहार किया जाएगा. 

उधर, उच्च शिक्षा विभाग में तबादलों को पारदर्शी बनाने के लिए तबादला नीति के सवाल पर उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने जवाब दिया की 'तबादला नीति पर सरकार और शिक्षा विभाग की ओर से काम किया जा रहा है. जो भी शिक्षकों के हितों के लिए सही होगा वो तबादला नीति जब बनेगी तो उसे लागू किया जाएगा, लेकिन ये तबादल नीति भी पूरी तरह से राजनीतिक द्वेष की भावना से परे होगी.

बहरहाल, अब तक सिर्फ स्कूल शिक्षा के तबादलों में ही राजनीति द्वेष के आरोप लगते आए थे, लेकिन अब उच्च शिक्षा विभाग में कांग्रेस समर्थित शिक्षकों को प्रताड़ित करने का जो मामला आया है. जिसने पूरे उच्च शिक्षा विभाग को हिला दिया है. वहीं अब उच्च शिक्षा मंत्री भी कांग्रेस समर्थित शिक्षक संगठनों से घिरते हुए नजर आ रहे हैं.

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