विपक्ष दल बीजेपी के नेता देवेंद्र फड़णवीस ने मंत्रियों और मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के शपथग्रहण को गैरकानूनी करार दिया है. वहीं उनका आरोप है कि सदन की कार्रवाही की शुरुआत में वंदे मातरम का गान नहीं किया गया. इस उद्धव ठाकरे ने कहा, ''हमारा महाराष्ट्र शिवाजी महाराज का महाराष्ट्र है. हमारे लिए शिवाजी देव सामान हैं. यह सारा देश भी हमारा है और यह देव जिस मिट्टी में जन्मे, हम उस मिट्टी के भक्त हैं. शिवाजी के भक्त हैं.''
शत्रु से सीधे भिड़नेवालों में से हूं
बकौल ठाकरे, ''मैं पहली बार सदन में आया और ये मेरा सौभाग्य है. यहां सदन में आने के पहले मैं थोड़ा असहज था. कैसे बर्ताव करूं, क्योंकि मैं मैदान का आदमी और यहां के वैधानिक कामकाज का अनुभव नहीं. मगर यहां आने के बाद पता चला कि बाहर मैदान ही बेहतर था. मैं आज सामने खाली पड़ी टेबल-कुर्सियों से नहीं लडूंगा, क्योंकि खाली मैदान में तलवारबाजी करनेवालों में मैं नहीं हूं. मैं आमने-सामने लड़ने वाला व्यक्ति हूं. शत्रु से सीधे भिड़नेवालों में से हूं. अब कोई शत्रु नहीं है, दुर्भाग्य से राजनैतिक विरोधी हैं.
इतना डंक क्यों लग गया?
शिवसेना नेता उद्धव ने कहा, ''क्या हम सिर्फ अपने भाषणों में ही शिवाजी, शाहू, आंबेडकर, फुले का नाम लें. लेकिन अगर उनके नाम से शपथ ली तो इतना डंक क्यों लग गया? मैंने शिवाजी महाराज की और अपने माता-पिता की शपथ ली है और फिर से लूंगा. अगर ये गुनाह है तो मैं हमेशा, हरदम, हर जन्म में यह करूंगा. ये हर एक अंतकरण से जुड़ा मुद्दा है. जो अपने देव और मां-बाप को नहीं मानता, उसे बतौर पुत्र जीने का हक़ नहीं है.
गैरज़रूरी विषय यहां रखे गए
सदन में सीएम फडणवीस ने कहा, ''वैचारिक मतभेद होता है. उसे पेश करने के तरीका होता है. उस तरीके को दरकिनार कर जो गैरज़रूरी विषय यहां रखे गए. बतौर मुख्यमंत्री शिवाजी, मां-बाप, देव की शपथ लेना गुनाह हो, ऐसी महाराष्ट्र की संस्कृति नहीं है.''
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र विधानसभा में फ्लोर टेस्ट के दौरान भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने अपने 105 विधायकों और अन्य समर्थकों के साथ सदन की कार्यवाही का बहिष्कार किया और वे सदन से बहिर्गमन कर गए.