तेलंगाना (Telangana) में आरोपियों ने सरकारी अफसरों के साथ मिलकर करीब 211 करोड़ रुपये का दवा खरीद घोटाला (Drug Purchase Scam) कर डाला. अब इसके खिलाफ ED ने बड़ा एक्शन लेते हुए आरोपियों की अवैध कमाई पर नकेस कस दी है.
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नई दिल्ली: ED ने तेलंगाना (Telangana) में हुए मेडिकल घोटाले (Drug Purchase Scam) में बड़ी कारवाई करते हुये 144.4 करोड़ की संपति मनी लॉड्रिंग में अटैच की है. ये संपति IMS यानी Insurance Medical Scheme के तत्कालीन डायरेक्टर, ज्वाइंट डायरेक्टर, उनके परिवार और दवाइयों को सप्लाई करने वालों की है.
तेलंगाना सरकार ने 211 करोड़ की धोखाधड़ी (Drug Purchase Scam) के मामले में IMS की तत्कालीन डायरेक्टर डाक्टर देविका रानी, दूसरे अधिकारी और प्राइवेट लोगों के खिलाफ 8 मामले दर्ज किए थे. इन्ही दर्ज मामलों के आधार पर ED ने मनी लॉड्रिंग का मामला दर्ज कर अपनी कार्रवाई शुरू की थी और अप्रैल महीने में आरोपियों और उनसे जुड़े लोगों के घर छापेमारी की थी.
जांच में ED को पता चला कि देविका रानी, जो IMS-Insurance Medical Scheme की डायरेक्टर थी, ने बाकी आरोपियों के साथ मिल कर सरकार को 211 करोड़ रुपये का नुकसान पहुंचाया और रिश्वत में मिले पैसों को निवेश किया. आरोप है कि डॉ देविका रानी ने बाकी आरोपियो के साथ मिल कर सरकारी नियमों को ताक पर रख कर दवाइयां सप्लाई करने वाले के. श्रीहरि बाबू और उससे जुड़े लोगों को दवाइयों की सरकारी खरीद के ऑर्डर दिए.
इतना ही नहीं खुद डॉ देविका रानी ने पी राजेश्वर रेड्डी के साथ मिल कर फर्जी कंपनियां खोली और उनके जरिये भी दवाइयां खरीदी (Drug Purchase Scam), वो भी महंगे दामों पर. IMS के तत्कालीन ज्वाइंट डायरेक्टर डॉ के पदमा ने लोगों के इलाज के लिये खरीदी गई दवाइयों को मेडिकल कैंप के नाम पर बाहर मार्किट में बेचा और फिर उन्हें मंहगे दामों पर फिर से खरीदा भी गया. स्टॉक रजिस्टर और डिस्पेंसरी में गलत एंट्री की गई ताकि दिखाया जा सके कि कैसे दवाइयों का इस्तेमाल किया गया.
जांच में ये भी पता चला कि डॉ देविका रानी और नागालक्ष्मी ने M/s PMJ Jeweller के साथ मिल कर रिश्वत के पैसों से 6.28 करोड़ की महंगी ज्वैलरी खरीदी. इसके अलावा दोनों ने अपने परिवार के लोगों के नाम पर काफी सारी संपति खरीदी. उन पैसों का फर्जी कंपनियों के जरिए हैदराबाद, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, बैंगलुरु और नोएडा जैसी अलग-अलग जगहों पर निवेश किया गया. इसके बाद उन फर्जी कंपनियों में प्रोफिट दिखाया गया, जिससे किसी को उनकी बढ़ती दौलत पर शक न हो.
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ED ने जांच के बाद 131 संपत्ति जिसमें 97 प्लॉट, 6 विला, 18 दुकानें, 6 खेती की जमीन, और 4 फ्लैट को अटैच किया है. इनमें डॉ देविका रानी की 17 करोड़, के नागालक्ष्मी की 2.4 करोड़, डी पदमा की 74 लाख, के. श्री हरिबाबू की 119 करोड़ और पी राजेश्वर रेड्डी की 4 करोड़ की संपति शामिल है. इस घोटाले में शामिल आरोपियों को गिरफ्तार भी किया गया था और फिलहाल सभी आरोपी अभी जमानत पर बाहर है.
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