इस वकील ने किया दावा, झूठे मामले में फंसाकर CJI का इस्तीफा दिलाने की हो रही साजिश
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इस वकील ने किया दावा, झूठे मामले में फंसाकर CJI का इस्तीफा दिलाने की हो रही साजिश

इस मामले को शनिवार को शीर्ष अदालत ने ‘न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़े अति महत्वपूर्ण’ विषय के रूप में लेकर सुनवाई की थी. 

फाइल फोटो

नई दिल्ली: एक वकील ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सनसनीखेज दावा किया कि यौन उत्पीड़न के झूठे मामले में प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई को ‘फंसाकर’ उनसे इस्तीफा दिलाने की साजिश है. वकील उत्सव सिंह बैंस ने इस मामले में दाखिल अपने हलफनामे में यह भी दावा किया है कि उन्हें शीर्ष अदालत की पूर्व महिला कर्मचारी का प्रतिनिधित्व करने के लिए तथा यहां प्रेस क्लब ऑफ इंडिया में संवाददाता सम्मेलन का आयोजन करने वाले व्यक्ति का इंतजाम करने के लिए अजय नामक एक व्यक्ति ने डेढ़ करोड़ रूपये की पेशकश की थी.

इस मामले को शनिवार को शीर्ष अदालत ने ‘न्यायपालिका की स्वतंत्रता से जुड़े अति महत्वपूर्ण’ विषय के रूप में लेकर सुनवाई की थी. वकील ने कहा, ‘‘यौन उत्पीड़न के झूठे मामले में प्रधान न्यायाधीश को फंसाकर उनसे इस्तीफा दिलाने की साजिश का गंभीर मामला अभिसाक्षी (बैंस) इस अदालत के संज्ञान में लाना चाहता है.’’ बैंस ने कहा कि वह ऐसे आरोप सुनकर हैरान हो गये और शिकायतकर्ता का प्रतिनिधित्व करने के लिए राजी हो गये. 

हलफनामे में कहा गया है, ‘‘लेकिन जब उक्त अजय कुमार ने इस मामले से संबद्ध पूरे घटनाक्रम और तथ्यों के बारे में बताया तो अभिसाक्षी (बैंस) को तसल्ली नहीं हुई और उसने अजय के विवरण में कई खामियां पायीं.’’ हलफनामे के अनुसार तब वकील (बैंस) ने दावों के सत्यापन के लिए शिकायतकर्ता से मिलना चाहा लेकिन जब इस बात से इनकार कर दिया गया तो संदेह पैदा हुआ. 

हलफनामे में कहा गया है, ‘‘ऐसे में जब अभिसाक्षी (बैंस)ने प्रधान न्यायाधीश को फंसाने के लिए अजय कुमार द्वारा की गयी 50 लाख रूपये की रिश्वत की पेशकश ठुकरा दी तब अजय ने राशि बढ़ाकर डेढ़ करोड़ रूपये कर दी जिसके बाद अभिसाक्षी ने उसे तत्काल कार्यालय से चले जाने को कहा.’’

हलफनामे में कहा गया है, ‘‘अभिसाक्षी को भरोसेमंद सूत्रों से जानकारी मिली कि जो लोग नकद धन देकर अवैध रूप से फैसला अपने पक्ष में कर लेने के काम में लगे होने का दावा करते हैं, वे लोग ही इस साजिश के पीछे हैं क्योंकि प्रधान न्यायाधीश ने ऐसे लोगों के विरूद्ध निर्णायक कार्रवाई की है.’’ वकील (बैंस) ने अपने हलफनामे में कथित रूप से ऐसा करने वाले ऐसे कुछ लोगों के नामों का जिक्र भी किया है. हालांकि उन्होंने अपनी जानकारी के सूत्र का खुलासा नहीं किया है.

बैंस स्वयंभू बाबा आसाराम के खिलाफ यौन उत्पीड़न मामले में पीड़िताओं एवं उनके रिश्तेदारों समेत कई मामलों तथा गवाह सुरक्षा मामले में भी पेश हो रहे हैं. हलफनामे में कहा गया है, ‘‘अभिसाक्षी किसी भी स्थिति में सूत्रों के नाम नहीं बताएगा क्योंकि ये अधिवक्ता अधिनियम के तहत विशेषाधिकार संवाद हैं.’’ 

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