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मुंबई: देश में कोरोना की दूसरी लहर के बाद ही चिंता जताई गई थी कि तीसरी लहर भी जरूर आएगी. दुनिया के कई देशों में तीसरी लहर (Third Wave) का कहर शुरू हो चुका है. हालांकि महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने अब कह दिया है कि दिसंबर में कोरोना वायरस महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका है, लेकिन इसका प्रभाव हल्का होगा.
महाराष्ट्र के स्वास्थ्य मंत्री ने एक न्यूज चैनल से कहा कि तीसरी लहर के दौरान चिकित्सीय ऑक्सीजन और आईसीयू के बिस्तरों की जरूरत नहीं होगी. टोपे ने कहा, ‘तीसरी लहर के हल्का होने की संभावना है और चिकित्सीय ऑक्सीजन और आईसीयू बेड की जरूरत नहीं होगी.’ कोविड-19 के मौजूदा परिदृश्य के बारे में टोपे ने कहा कि महाराष्ट्र में 80% नागरिकों का टीकाकरण किया जा चुका है. वर्तमान में संक्रमण का स्तर और मृत्यु दर कम है.
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आपको बता दें कि स्वास्थ्य विभाग ने मंगलवार को कहा था कि राज्य में पिछले 24 घंटों में कोविड-19 के 766 मामले आए और 19 लोगों की मौत हुई. राज्य में उपचाराधीन मरीजों की संख्या लगातार तीसरे दिन 10,000 से नीचे रही. महाराष्ट्र में मंगलवार तक संक्रमण के कुल 66,31,297 मामले आए हैं. टोपे ने कहा कि कोरोना वायरस महामारी की पहली लहर सितंबर 2020 में और दूसरी लहर अप्रैल 2021 में आई थी.
टोपे ने कहा कि उन्होंने पिछले हफ्ते केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री मनसुख मांडविया (Mansukh Mandaviya) से मुलाकात की थी और स्वास्थ्यकर्मियों, फ्रंट लाइन वर्कर्स, वरिष्ठ नागरिकों और संक्रमण के लिहाज से कमजोर वर्गों के लिए टीके की बूस्टर खुराक देने को लेकर केंद्र की अनुमति मांगी थी. संक्रमण से बचाव के लिए 12 से 18 वर्ष के बच्चों-किशोरों को टीका लगाने की भी मांग की थी. टोपे ने कहा, ‘मांडविया ने कहा कि वह भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के साथ इस मुद्दे पर चर्चा करेंगे और अवगत कराएंगे.’
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गौरतलब है कि अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS), दिल्ली के निदेशक डॉ रणदीप गुलेरिया ने मंगलवार को कहा था कि देश में कोविड की पहली दो लहर की तुलना में उतनी ही तीव्रता वाली तीसरी लहर आने की आशंका नहीं है. गुलेरिया ने कहा कि इस समय संक्रमण के मामलों में इजाफा नहीं होना दर्शाता है कि टीके अब भी वायरस से सुरक्षा प्रदान कर रहे हैं और फिलहाल तीसरी बूस्टर खुराक की कोई जरूरत नहीं है. चिकित्सा विशेषज्ञों ने भी कहा है कि दूसरी लहर की तरह विनाशकारी तीसरी लहर की आशंका नहीं है और संभवत: दिसंबर अंत से फरवरी के बीच मामले बढ़ सकते हैं लेकिन प्रभाव हल्का होगा.
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