इससे पहले हर्षवर्धन ने कहा था कि ममता बनर्जी डॉक्टरों की हड़ताल को प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाएं.
Trending Photos
नई दिल्ली: केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी को पत्र लिखकर कहा है कि वह डॉक्टरों की समस्याओं को सुलझाएं. इससे पहले हर्षवर्धन ने कहा था कि ममता बनर्जी डॉक्टरों की हड़ताल को प्रतिष्ठा का प्रश्न न बनाएं.
पश्चिम बंगाल में आंदोलनकारी डॉक्टरों ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री ममता बनर्जी से बेशर्त माफी मांगने की मांग की और चार दिनों से चल रहे अपने आंदोलन को वापस लेने के लिए राज्य सरकार के लिए छह शर्तें तय की. डॉक्टरों ने इस आंदोलन ने समूचे राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं को बाधित कर दिया है.
जूनियर डॉक्टरों के संयुक्त मंच के प्रवक्ता डॉ अरिंदम दत्ता ने कहा,‘एसएसकेएम हॉस्पिटल में कल जिस तरह से मुख्यमंत्री ने हमें संबोधित किया था, उसके लिए हम उनसे यह मांग करते हैं कि वह माफी मांगें. उन्हें वह नहीं कहना चाहिए था, जो उन्होंने कहा था.’
Union Health Minister Dr. Harsh Vardhan writes to West Bengal Chief Minister Mamata Banerjee on ongoing doctors' strike in the state, asking her to 'personally intervene to resolve the current impasse.' pic.twitter.com/nW2NpPfstF
— ANI (@ANI) June 14, 2019
ममता ने गुरुवार को एसएसकेएम हॉस्पिटल का दौरा किया था, जहां उन्होंने कहा कि बखेड़ा खड़ा करने के लिए बाहरी लोग मेडिकल कॉलेजों में घुसे थे और आंदोलन माकपा एवं भाजपा की साजिश है.
आंदोलनकारियों ने रखी 6 शर्तें
आंदोलनकारियों ने छह शर्तें गिनाते हुए कहा कि मुख्यमंत्री को अस्पताल जाकर घायल डॉक्टरों से मिलना चाहिए और उनके कार्यालय को उन पर (डॉक्टरों पर) हुए हमले की निंदा करते हुए एक बयान जारी करना चाहिए.
उन्होंने कहा, ‘‘हम मुख्यमंत्री के फौरन हस्तक्षेप की भी मांग करते हैं.’’ साथ ही सोमवार रात डॉक्टरों को सुरक्षा मुहैया करने में पुलिस की निष्क्रियता के खिलाफ न्यायिक जांच के दस्तावेजी साक्ष्य भी मुहैया किया जाए.
सोमवार रात दो जूनियर डॉक्टरों ने की मारपीट
गौरतलब है कि एनआरएस मेडिकल कॉलेए एंड हॉस्पिटल में सोमवार रात एक रोगी के परिवार के सदस्यों ने दो जूनियर डॉक्टरों से मारपीट की थी. दरअसल, अस्पताल में इस रोगी की मौत हो गई थी. दत्ता ने कहा,‘हम हमलावरों के खिलाफ की गई कार्रवाई का ब्यौरा भी देने की मांग करते हैं.'
उन्होंने आंदोलन के मद्देनजर जूनियर डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों के खिलाफ समूचे राज्य में दर्ज किए गए झूठे मामलों और आरोपों को बेशर्त वापस लेने तथा सभी मेडिकल कॉलेजों में सशस्त्र बल के कर्मियों को तैनात करने की भी मांग की.