दूर करें धनतेरस की तिथि का कन्फ्यूजन, जानें क्या कहती हैं ज्योतिष
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दूर करें धनतेरस की तिथि का कन्फ्यूजन, जानें क्या कहती हैं ज्योतिष

दीपावली एक ऐसा त्योहार है जिसका उत्साह कई दिनों पहले से शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार त्योहार की तिथियों को लेकर इतना कन्फ्यूजन है कि लोग समझ नहीं पा रहे कि पूजन कब करें और त्योहार कब मनाएं. पंचांग भेद के कारण धनतेरस को लेकर भी लोग असमंजस में हैं.

दूर करें धनतेरस की तिथि का कन्फ्यूजन, जानें क्या कहती हैं ज्योतिष

लखनऊ: दीपावली एक ऐसा त्योहार है जिसका उत्साह कई दिनों पहले से शुरू हो जाता है, लेकिन इस बार त्योहार की तिथियों को लेकर इतना कन्फ्यूजन है कि लोग समझ नहीं पा रहे कि पूजन कब करें और त्योहार कब मनाएं. पंचांग भेद के कारण धनतेरस को लेकर भी लोग असमंजस में हैं. कुछ यह पर्व 12 नवंबर को मनाएंगे तो कुछ 13 नवंबर को. ज्योतिष पूजा भाटिया के मुताबिक त्रयोदशी 12 नवंबर यानी आज शाम से शुरू होकर 13 नवंबर दोपहर तक रहेगी. 

ज्योतिष पूजा भाटिया के अनुसार धनतेरस पर भगवान धन्वंतरि की पूजा और यम दीपक लगाकर धनतेरस पर्व मनाने का शुभ मुहूर्त 13 नवंबर की शाम 5.28 बजे से 5.59 बजे तक होगा. साथ ही खरीदारी का शुभ मुहूर्त तिथि की शुरूआत में ही होता है. यानी आज शाम खरीदारी करना सबसे शुभ होगा. इस तरह धनतेरस की खरीदारी की जा सकेगी. इसके बाद 13 को चतुर्दशी तिथि शुरू होगी और 14 को दोपहर में करीब 1.25 तक रहेगी. फिर अमावस्या शुरू हो जाएगी इसलिए 14 को रूप चतुर्दशी और दीपावली पर्व दोनों मनाए जाएंगे. 15 को गोवर्धन पूजा और 16 को भाईदूज का पर्व होगा.

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धनतेरस पर करें यह खरीदें, होगा शुभ
परिवार में समृद्धि को अक्षत रखने की कामना से ही इस दिन चांदी के सिक्के, गणेश और लक्ष्मी की प्रतिमाओं की खरीदारी करना शुभ होता है. साथ ही सोने-चांदी की चीजें खरीदने की भी परंपरा है. इसके अलावा पीतल, कांसे, स्टील व तांबे के बर्तन भी खरीदना अच्छा माना जाता है.

इस पर्व पर क्यों खरीदते हैं धातु के बर्तन
धन्वंतरि भी इसी दिन अवतरित हुए थे, इसी कारण भी इस दिन को धनतेरस कहा गया है. समुद्र मंथन में भगवान धन्वंतरि कलश में अमृत लेकर निकले थे, इसलिए इस दिन धातु के बर्तन खरीदते हैं.

ऐसो करें पूजा, दें दीपदान
भगवान धन्वंतरि को पूजा सामग्री के साथ औषधियां चढ़ानी चाहिए. औषधियों को प्रसाद के तौर पर खाने से बीमारियां दूर होती हैं.

लगाएं मक्खन का भोग
भगवान धन्वंतरि को कृष्णा तुलसी, गाय का दूध और उससे बने मक्खन का भोग लगाना चाहिए.

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गाय के घी से जलाएं दीप
पूजा में लगाए गए दीपक में गाय के घी का इस्तेमाल करना चाहिए.

यम के लिए जरूर जलाएं आटे का दीप, खत्म होगा अकाल मृत्यु का डर
सूर्यास्त के बाद यमराज के लिए दीपदान जरूर करना चाहिए. इसके लिए आटे से चौमुखा दीपक बनाना चाहिए. उसमें सरसों या तिल का तेल डालकर घर के बाहर दक्षिण दिशा में या दहलीज पर रखना चाहिए. ऐसा करने से यमराज परिवार को लंबी उम्र प्रदान करते हैं. स्कंद पुराण के मुताबिक, धनतेरस पर यमदेव के लिए दीपदान करने से परिवार में अकाल मृत्यु का डर नहीं रहता.

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