पेगासस जासूसी कांड (Pegasus Snoopgate) को लेकर देश की सियासत गर्म है. विपक्षी दलों का आरोप है कि सरकार लोगों की जासूसी करा रही है, वहीं सरकार की ओर से लगातार इन आरोपों का खंडन किया जा चुका है.
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कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कथित पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए एक कमीशन का गठन किया है जिसमें सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस एमबी लोकुर और कलकत्ता हाई कोर्ट के रिटायर्ड जस्टिस ज्योतिर्मय भट्टाचार्य शामिल हैं. ममता ने कमीशन का ऐलान करते हुए कहा कि बंगाल ऐसी जांच की शुरुआत करने वाला पहला राज्य बन गया है.
ममता ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि हम चाहते थे कि पेगासस जासूसी कांड की जांच के लिए केंद्र आयोग बनाए, लेकिन केंद्र सरकार कुछ नहीं कर रही है, इसलिए हमने राज्य स्तर पर कमीशन बनाकर इस मामले की जांच कराने का फैसला किया है. विपक्षी दलों का आरोप है कि इजरायल की एक कंपनी एनसओ ग्रुप के बनाए जासूसी सॉफ्टवेयर पेगासस की मदद से भारत के कई महत्वपूर्ण लोगों की जासूसी कराई गई.
उधर, जासूसी कांड का शोर संसद के मानसून सत्र में भी लगातार सुनाई दे रहा है. विपक्षी पार्टियों के नेताओं ने सोमवार को बैठक की और पेगासस जासूसी मामले पर बातचीत करने के साथ ही इस बात पर जोर दिया कि इस मुद्दे पर संसद में चर्चा होनी चाहिए.
राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने सभापति एम वेंकैया नायडू को पेगासस मामले पर स्थगन का नोटिस दिया और कहा कि प्रश्नकाल, शून्यकाल और दूसरे कामकाज को सस्पेंड किया जाना चाहिए साथ ही इस जासूसी कांड पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी या गृह मंत्री अमित शाह की मौजूदगी में चर्चा होनी चाहिए. खड़गे ने दावा किया कि पेगासस जासूसी मामला देश के लिए बहुत गंभीर विषय है क्योंकि सरकार पिछले कुछ साल से जासूसी करवा रही है.
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पेगासस जासूसी कांड और केंद्र के तीन नए कृषि कानूनों को लेकर संसद के मानसून सत्र में लगातार गतिरोध बना हुआ है. सत्र 19 जुलाई को शुरू हुआ था और इसके बाद से अब तक दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित रही है.