आज-कल लोग सोशल मीडिया पर इतने व्यस्त होते हैं कि वह कभी घर के बुजुर्गों से बात ही नहीं करते, जिससे वह न तो कभी उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं और न ही उनके अस्तित्व से उन्हें कोई मतलब होता है. जिसके चलते दुनिया भर में बुजुर्गों के साथ अनदेखी के मामले बढ़े हैं.
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नई दिल्लीः आज दुनिया भर में विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरुकता दिवस मनाया जा रहा है. दुनिया भर में बुजुर्गों के साथ हो रहे अत्याचार और अनदेखी के प्रति जागरुकता के लिए दुनिया भर में इसे मनाने की शुरुआत हुई. दुनिया भर में विश्व बुजुर्ग दुर्व्यवहार रोकथाम जागरुकता दिवस मनाने की शुरुआत संयुक्त राष्ट्र के प्रस्ताव 66/127 के परिणामस्वरूप की गई थी. संयुक्त राष्ट्र द्वारा इस प्रस्ताव को लाने का सबसे बड़ा कारण था, दुनिया में बुजुर्गों के साथ हो रही अनदेखी और उनके साथ हो रहे दुर्व्यवहार को रोकना.
हाल ही में एक सर्वे में सामने आया है कि दुनिया भर में बुजुर्गों के साथ हो रही अनदेखी और दुर्व्यवहार की सबसे बड़ी वजह सोशल मीडिया है. आज-कल लोग सोशल मीडिया पर इतने व्यस्त होते हैं कि वह कभी घर के बुजुर्गों से बात ही नहीं करते, जिससे वह न तो कभी उनसे जुड़ाव महसूस करते हैं और न ही उनके अस्तित्व से उन्हें कोई मतलब होता है. जिसके चलते दुनिया भर में बुजुर्गों के साथ अनदेखी के मामले बढ़े हैं.
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वहीं बात करें भारत देश की तो इस देश में कभी माता-पिता के चरणों में स्वर्ग माना जाता था, लेकिन आज देखा जाए तो कुछ और ही नजारा देखने को मिल रहा है. अब लोग बुजुर्गों को अपना सबसे बड़ा बोझ समझने लगे हैं. यही कारण है कि आज के समय में बुजुर्गों के साथ सबसे ज्यादा दुर्व्यवहार की घटनाएं सामने आ रही हैं और ओल्डएज होम में बुजुर्गों की संख्या बढ़ती जा रही है. हाल ही में सामने आए एक सर्वे में सामने आया है कि करीब 35 प्रतिशत बच्चे ऐसे हैं जो अपने माता-पिता के साथ नहीं रहना चाहते. यही कारण है कि वह या तो अपने माता-पिता से अलग रहते हैं या फिर उन्हें किसी ओल्डएज होम में छोड़ आते हैं.
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एक सर्वे के मुताबिक लगभग एक चौथाई बुजुर्ग आबादी को व्यक्तिगत तौर पर उत्पीड़न का सामना करना पड़ता है. वहीं इस सर्वे में एक और खुलासा हुआ है, जिसमें यह भी पता चला कि घरों में दुर्व्यवहार के शिकार 82 फीसदी बुजुर्ग ऐसे हैं जो परिवार की खातिर इसकी शिकायत नहीं करते या फिर हमेशा यही सोचते रह जाते हैं कि शायद कभी न कभी उनके परिवार का नजरिया उनके प्रति बदल जाएगा. इस सर्वे में शामिल युवाओं ने माना है कि उनकी निराशा की सबसे बड़ी वजह गुस्सा है. जिसके चलते वह कई बार घर के बुजुर्गों पर अपना गुस्सा निकाल बैठते हैं.