ZEE जानकारी: सिर्फ डेढ़ मिनट में बालाकोट एयर स्ट्राइक को दिया गया था अंजाम
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ZEE जानकारी: सिर्फ डेढ़ मिनट में बालाकोट एयर स्ट्राइक को दिया गया था अंजाम

Zee News की टीम मिराज विमानों के एयरबेस ग्वालियर गई थी...और हमने वहां उन जांबाज़ Pilots से बात की...जो इस मिशन में शामिल थे.

ZEE जानकारी: सिर्फ डेढ़ मिनट में बालाकोट एयर स्ट्राइक को दिया गया था अंजाम

और अब हम भारतीय वायुसेना के एक शानदार ऑपरेशन का गौरवशाली विश्लेषण करेंगे.

जब हम अपने रोज़मर्रा के काम कर रहे होते हैं...तब हमें पता भी नहीं चलता कि कोई फ़ौजी बहुत ही ख़ामोशी से किसी मोर्चे पर देश की हिफ़ाज़त कर रहा है. आज से ठीक चार महीने पहले...25 और 26 फरवरी की रात को भी कुछ ऐसा ही हुआ था...जब देश गहरी नींद में सो रहा था, लेकिन भारतीय वायु सेना सरहद पार दुश्मन को पुलवामा आतंकी हमले का जवाब दे रही थी. हम बालाकोट Air Strike का ज़िक्र कर रहे हैं, जब वायु सेना के 12 Mirage-2000 विमानों ने पाकिस्तान में घुसकर आतंकवादियों के अड्डों को तबाह किया था.

कल Zee News की टीम मिराज विमानों के एयरबेस ग्वालियर गई थी...और हमने वहां उन जांबाज़ Pilots से बात की...जो इस मिशन में शामिल थे. उन्होंने हमें बालाकोट Air Strike के बारे में कुछ ऐसी बातें बताई हैं...जो देश को ज़रूर जाननी चाहिये. ताकि आप भी इस बात पर गर्व करें कि भारत अपने शहीदों का बदला लेना जानता है. और इसके लिये हमारी सेनाएं हर मिशन के लिये हमेशा तैयार हैं.

ग्वालियर एयरबेस पर हमें मिराज विमान के एक पायलट ने बताया कि उन्हें नियंत्रण रेखा पार करने के बाद, बम लॉन्च करने में एक मिनट से भी कम समय लगा था और वापस लौटने में उससे भी कम...यानी पूरा ऑपरेशन डेढ़ मिनट में खत्म हो गया था. नियंत्रण रेखा को पार करने से लेकर...पाकिस्तान में आतंकी अड्डों पर बम गिराने और वापस भारत के Air Space में दाख़िल होने तक...Indian Air Force का ये मिशन महज़ 90 Seconds में पूरा कर लिया गया था. 90 Seconds यानी डेढ़ मिनट.

इतने कम वक़्त में तो किसी कार में पेट्रोल भरवाना भी मुमकिन नहीं है. इसलिये सोचिये...दिन में ऐसे कौन-कौन से काम हैं, जो आप 90 Seconds में पूरा कर लेते हैं. जितने वक़्त में हम एक कप चाय पीते हैं...उससे भी कम वक़्त में इस Air Strike मिशन को कामयाबी से अंजाम दिया गया. ये ऑपरेशन आसान नहीं था. पाकिस्तान 14 फरवरी को पुलवामा आतंकी हमले के बाद पूरी तरह अलर्ट था. उसे मालूम था कि भारत जवाब ज़रूर देगा. भारत ने 12 दिन बाद जवाबी कार्रवाई के लिये बालाकोट को चुना, जहां जैश-ए-मोहम्मद के ट्रेनिंग कैंप की जानकारी ख़ुफ़िया एजेंसियों को थी.

पाकिस्तान में बालाकोट नियंत्रण रेखा से क़रीब 70 किलोमीटर दूर है. इतनी दूरी पर हवाई हमला ही मुमकिन था, और वायु सेना ने इसके लिये मिराज-2000 विमान को चुना. मिराज विमान 2300 किलोमीटर प्रति घंटे की Speed यानी क़रीब आवाज़ की दोगुनी रफ़्तार से उड़ सकता है.

अगर नीचे उड़ते हुए मिराज विमान की रफ़्तार एक हज़ार किलोमीटर प्रति घंटा भी रही होगी...तो उसने एक मिनट में क़रीब 20 किलोमीटर की दूरी तय कर ली होगी. और फिर बम लॉन्च करने के बाद सभी विमान इससे भी तेज़ रफ़्तार से भारत लौट आये होंगे. 

लेकिन पहले से अलर्ट पाकिस्तान में घुसकर ये Air Strike करना आसान नहीं था. इसलिये भारतीय वायु सेना के इस ऑपरेशन पर पूरी दुनिया में आज भी चर्चा हो रही है. ये हमला ऐसे देश के ख़िलाफ़ हुआ था...जिसके Air Defence को कम आंकना भी बड़ी ग़लती कही जाएगी. लेकिन हैरत इस बात की है...कि पाकिस्तान को भी इस हमले के बारे में तब पता चला...जब भारत के पायलट अपना मिशन पूरा करके क़रीब एक हज़ार किलोमीटर की उड़ान भरकर ग्वालियर में अपने घर लौट चुके थे. इस मिशन को इतना गोपनीय रखा गया था कि Pilots के परिवार को भी इस बारे में पता नहीं था कि वो क़रीब ढाई घंटे तक घर से दूर क्यों थे...और वो किस पराक्रम को अंजाम देकर लौटे हैं.

इसलिये आज DNA में हम बालाकोट Air Strike को Decode करेंगे. भारतीय वायु सेना के इस ऐतिहासिक ऑपरेशन पर आज का DNA टेस्ट आपको ज़रूर देखना चाहिये. ये रिपोर्ट बालाकोट Air Strike में हिस्सा लेने वाले Pilots से हुई बातों के आधार पर बनाई गई है. लेकिन सुरक्षा के लिहाज़ से इस रिपोर्ट में उन Pilots को शामिल नहीं किया गया है. ना ही उनकी पहचान सार्वजनिक की गई है.

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