14 फरवरी को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए एक आतंकी हमले में सीआरपीएफ के 40 जवान शहीद हो गए थे. देश में आतंक और उसके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की जा रही है.
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नई दिल्ली : पुलवामा में हुए आतंकी हमले ने देश की आवाम को अपार दुख के साथ साथ गुस्से से भी भर दिया है. लोगों की मांग है कि आतंकवाद और उसके समर्थकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. पुलवामा के आतंकी हमले में देश के 40 सीआरपीएफ के जवान शहीद हुए थे. देश आज इन शहीदों के परिवारों के साथ दृढ़ता से खड़ा है. शहीदों के परिवारों के प्रति एकजुटता दिखाने के लिए पूरे देश के नागरिक 19 फरवरी मंगलवार को शाम 3 बजे दो मिनट का मौन रखेंगे. जी मीडिया कॉरपोरेशन लिमिटेड की ओर से अपील की गई है कि दो मिनट का मौन रखकर सभी शहीदों को अपनी श्रद्धांजलि दें.
हमले के बाद पूरे देश ने एकता का परिचय देते हुए आतंक के खिलाफ सरकार की हर कार्रवाई के समर्थन का ऐलान किया है. गुरुवार 14 फरवरी को जब 2547 सीआरपीएफ जवानों का एक काफिला जम्मू से श्रीनगर जा रहा था, उसी समय जैश के आतंकी ने विस्फोटकों से लदी गाड़ी सीआरपीएफ की बस से टकरा दी. इस हमले में 40 जवान शहीद हो गए.
इस आतंकी हमले के कुछ घंटे बाद नौशेरा सेक्टर में एलओसी पर आईईडी को डिफ्यूज करते समय हुए विस्फोट में मेजर चित्रेश बिष्ट शहीद हो गए थे. इधर सोमवार को सुरक्षाबलों ने घाटी के पिंगलान में बड़ी कार्रवाई करते हुए जैश ए मोहम्मद के 3 आतंकियों को एक एनकाउंटर में ढेर कर दिया. रात भर चले इस एनकाउंटर में 4 जवान भी शहीद हुए. इस एनकाउंटर में पुलवामा आतंकी हमले की साजिश रचने वाला गाजी ढेर कर दिया गया.