शिक्षा मंत्रालय: अग्निवीरों के लिए शुरू होगा ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स, देश और विदेश में मिलेगी मान्यता
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शिक्षा मंत्रालय: अग्निवीरों के लिए शुरू होगा ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स, देश और विदेश में मिलेगी मान्यता

Agneepath Scheme: अग्निवीरों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय की ओर से कौशल आधारित तीन-वर्षीय स्नातक डिग्री कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. इसके लिए इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय के साथ टाई अप किया जाएगा. 

शिक्षा मंत्रालय: अग्निवीरों के लिए शुरू होगा ग्रेजुएशन डिग्री कोर्स, देश और विदेश में मिलेगी मान्यता

नई दिल्ली: अग्निपथ स्कीम को जब से लागू किया गया है, तब से बहुत से लोग इसकी सराहना भी कर रहे हैं. हालांकि, बहुत से लोग ऐसे भी है, जिन्होंने इस स्कीम को लेकर कई अहम सवाल खड़ें किए हैं. उन्हीं सवालों में एक सवाल यह भी है कि अगर अभ्यर्थी इतनी कम उम्र में सेना में चले जाते हैं, तो उनकी आगे की शिक्षा जैसे - ग्रेजुएशन और पोस्ट ग्रेजुएशन का क्या होगा? वे सेना में रह कर कैसे अपनी ग्रेजुशन पूरी करेंगे? साथ ही 4 साल की सर्विस के बाद के जब वे वापस लौटेंगे तो आगे किसी भी क्षेत्र में काम करने के लिए क्या उनके पास आवश्यक डिग्री होगी? ऐसे ही कई सवालों और अग्निवीरों के भविष्य की संभावनाओं को ध्यान में रखते हुए शिक्षा मंत्रालय की ओर से कौशल आधारित तीन-वर्षीय स्नातक डिग्री कार्यक्रम की शुरुआत की जाएगी. 

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, अग्निवीरों द्वारा रक्षा प्रतिष्ठानों में प्राप्त किए जाने वाले कौशल प्रशिक्षण को भी मान्यता भी दी जाएगी. इस बात की जानकारी अधिकारियों द्वारा बुधवार को दी गई थी. अधिकारीयों का कहना है कि अग्निवीरों की आगे की शिक्षा जैसे ग्रेजुएशन के लिए वे इंदिरा गांधी राष्ट्रीय मुक्त विश्वविद्यालय (IGNOU) के साथ टाई अप करेंगे. इग्नू द्वारा पेश किए जाने वाले डिग्री प्रोग्राम को रोजगार एवं शिक्षा के लिए भारत और विदेशों दोनों ही जगहों पर मान्यता दी जाएगी. भारत की थल सेना, वायु सेना और नौसेना इसके लिए इग्नू के साथ एक एमओयू (MoU) पर हस्ताक्षर करेगी.

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इस प्रोग्राम को नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति (NEP) के तहत यूजीसी, राष्ट्रीय क्रेडिट फ्रेमवर्क और राष्ट्रीय कौशल योग्यता फ्रेमवर्क के मानदंडों के अनुरूप अनिवार्य रूप से लागू किया जाएगा. साथ ही संबंधित नियामक निकायों जैसे - अखिल भारतीय तकनीकी शिक्षा परिषद (AICTE), राष्ट्रीय व्यावसायिक शिक्षा और प्रशिक्षण परिषद (NCVET) और यूजीसी (UGC) द्वारा इस प्रोग्राम की रूपरेखा को मान्यता दी जाएगी. जो सैनिक को प्रथम वर्ष में सफल होने के बाद  किसी भी कोर्स को छोड़ता है, तो उसे विश्वविद्यालय की ओर से 'अवर-स्नातक सर्टिफिकेट' दिया जाएगा. ऐसे ही द्वितीय वर्ष में सफल होने के बाद पाठ्यक्रमों को छोड़ने पर उसे 'अवर-स्नातक डिप्लोमा' प्रदान किया जाएगा. इसके अलावा अगर कोई सैनिक तीन साल का कोर्स पूरा कर लेता है, तो उसे विश्वविद्यालय द्वारा डिग्री प्रदान की जाएगी.

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