रोज की ये 5 आदतें स्लो पॉइजन से कम नहीं, धीरे-धीरे बॉडी में भर देंगी भंयकर बीमारियां
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रोज की ये 5 आदतें स्लो पॉइजन से कम नहीं, धीरे-धीरे बॉडी में भर देंगी भंयकर बीमारियां


Unhealthy Habits: सेहत को लेकर ज्ञान देने वाले कई लोग भी ऐसी गलतियां करते हैं, जो उन्हें बीमार बना देता है. यहां हम आपको 5 ऐसी ही चीजों के बारे में बता रहे हैं. 

रोज की ये 5 आदतें स्लो पॉइजन से कम नहीं, धीरे-धीरे बॉडी में भर देंगी भंयकर बीमारियां

क्या कभी ऐसा हुआ कि कोई हेल्दी नजर आने वाला व्यक्ति अचानक से गंभीर बीमारी की चपेट आ जाए और इससे पर यकीन कर पाना आपके लिए मुश्किल हो? ऐसा होना बहुत आम है, क्योंकि कई बार व्यक्ति आदतन ऐसी कई चीजें कर रहा होता है, जिसका असर उसके शरीर पर सिर्फ आंतरिक रूप से नजर आता है. 

हमारे दैनिक जीवन में कुछ आदतें ऐसी होती हैं, जो पहली नजर में हानिकारक नहीं लगतीं, लेकिन लंबे समय में वे हमारे हेल्थ डैमेज करके रख देती है. यहां आप 5 ऐसी ही आदतों के बारे में यहां जान सकते हैं, जिन्हें स्लो पॉइजन भी कहा जाता है-

फिजिकल एक्टिविटी न करना 

ज्यादातर लोग अब एक बेसिक फिजिकल एक्टिविटी भी नहीं करते हैं. घर के काम से लेकर बाहर की शॉपिंग तक सब कुछ ऑनलाइन और हाउस हेल्प के भरोसे हो गया है. ऐसे में लोग दिन भर में 1000 कदम भी नहीं चल पा रहे हैं. लेकिन लंबे समय तक यह आराम बहुत ही खतरनाक है, इससे शरीर बीमारियों की चपेट में आ जाता है. 

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सिर्फ पेट भरने के लिए खाना

महंगाई और समय की कमी के कारण ज्यादातर लोग सिर्फ पेट भरने के लिए ही खाना खाते हैं. दूसरी और फास्ट फूड, जंक फूड, और प्रोसेस्ड फूड्स के बढ़ते कल्चर के कारण हेल्दी फूड्स व्यक्ति के डाइट से धीरे-धीरे गायब होता जा रहा है. ऐसे में अनहेल्दी खाने से डायबिटीज, कोलेस्ट्रॉल, हाई ब्लड प्रेशर जैसी बीमारियां तेजी से बढ़ रही हैं. 

दिन के ज्यादातर घंटे स्क्रीन के सामने बिताना

हम टेक्नोलॉजी से घिर चुके हैं, मोबाइल, टैबलेट, और कंप्यूटर पर अधिक समय बिताने से आंखों में थकान, नींद में कमी, और मानसिक तनाव बढ़ता है. इसके अलावा, लंबे समय तक बैठने से शारीरिक गतिविधियों में कमी आती है, जिससे मोटापे और हृदय रोग का खतरा बढ़ता है.  

तनाव को नजरअंदाज करना

दैनिक जीवन की भागदौड़ में हम अक्सर तनाव को अनदेखा कर देते हैं. लेकिन लंबे समय तक तनाव में रहने से हार्मोनल असंतुलन, हार्ट डिजीज, और अन्य शारीरिक समस्याओं का कारण बन सकता है. 

7-8 घंटे की नींद न लेना

रात में देर तक जगना एक नया ट्रेंड बन गया है. लेकिन रात को पर्याप्त नींद न लेने से थकान, ध्यान केंद्रित करने में कठिनाई, और डिप्रेशन जैसी समस्याएं होती हैं. इसके अलावा, नींद की कमी भूलने की बीमारी के जोखिम को भी बढ़ाती है. 

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Disclaimer: प्रिय पाठक, हमारी यह खबर पढ़ने के लिए शुक्रिया. यह खबर आपको केवल जागरूक करने के मकसद से लिखी गई है. हमने इसको लिखने में घरेलू नुस्खों और सामान्य जानकारियों की मदद ली है. आप कहीं भी कुछ भी अपनी सेहत से जुड़ा पढ़ें तो उसे अपनाने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लें.

 

 

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