प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को कहा था कि करकरे ने उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया था इसलिए उनके दिये श्राप की वजह से वह 26-11 के आतंकी हमलों के दौरान मारे गए थे.
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नई दिल्ली: बीजेपी ने मुंबई के आतंकी हमले में शहीद हुए पुलिस अधिकारी हेमंत करकरे पर साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर के विवादास्पद बयान से किनारा कर लिया है. बीजेपी ने साध्वी के बयान को उनका निजी बयान बताया है.
बीजेपी ने एक बयान जारी कर कहा है पार्टी का स्पष्ट मानना है कि हेमंत करकरे आतंकवादियों से बहादुरी से लड़ते हुए शहीद हुए थे. पार्टी ने उन्हें हमेशा शहीद माना है. बीजेपी ने कहा कि जहां तक साध्वी प्रज्ञा के इस बयान का विषय है. वह उनका निजी बयान है जो वर्षों तक उनकी हुई शारीरिक और मानसिक प्रताड़ना के कारण दिया गया होगा.
BJP releases statement over the remarks made against late Hemant Karkare by BJP LS candidate for Bhopal, Pragya Thakur; says, "BJP considers him a martyr. This is Sadhvi Pragya's personal statement which she might have given because of the mental & physical torture she had faced" pic.twitter.com/CNr5n5EbDl
— ANI (@ANI) April 19, 2019
क्या बयान दिया है प्रज्ञा ठाकुर ने?
बता दें मालेगांव बम विस्फोट मामले में आरोपी और भोपाल लोकसभा सीट से भाजपा की उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर ने शुक्रवार को कहा था कि करकरे ने उन्हें बुरी तरह प्रताड़ित किया था इसलिए उनके दिये श्राप की वजह से वह 26-11 के आतंकी हमलों के दौरान मारे गए थे.
प्रज्ञा ने गुरुवार शाम को शहर के लालघाटी क्षेत्र में भोपाल उत्तर विधानसभा क्षेत्र के बीजेपी कार्यकर्ताओं की बैठक में मुंबई एटीएस के दिवंगत प्रमुख का नाम लेते हुए कहा, 'मैं मुंबई जेल में थी उस समय. जांच जो बिठाई थी, सुरक्षा आयोग के सदस्य ने हेमंत करकरे को बुलाया और कहा कि जब सबूत नहीं है तो साध्वीजी को छोड़ दो. सबूत नहीं है तो इनको रखना गलत है, गैरकानूनी है. लेकिन उसने (करकरे) कहा कि मैं साध्वी को नहीं छोड़ूंगा.'
साध्वी ने हिरासत के दौरान यातना देने का आरोप लगाते हुए कहा, ‘इतनी यातनाएं दीं, इतनी गंदी गालियां दीं जो असहनीय थी, मेरे लिए और मेरे लिए नहीं, किसी के लिए भी. मैंने कहा तेरा सर्वनाश होगा. ठीक सवा महीने में सूतक लगता है. जब किसी के यहां मृत्यु होती है या जन्म होता है. जिस दिन मैं गई थी, उस दिन इसके सूतक लग गया था. ठीक सवा महीने में जिस दिन उसको आतंकवादियों ने मारा उस दिन सूतक का अंत हो गया.'