छठे चरण के चुनाव प्रचार का आखिरी दिन आज, भोपाल में दिग्विजय और प्रज्ञा में कड़ा मुकाबला
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छठे चरण के चुनाव प्रचार का आखिरी दिन आज, भोपाल में दिग्विजय और प्रज्ञा में कड़ा मुकाबला

भोपाल लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा और कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के बीच ही माना जा रहा है. ऐसे में दोनों ही धुआंधार प्रचार-प्रसार में लगे हैं.

फाइल फोटो

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) के छठे चरण की 14 सीटों के लिए चुनाव प्रचार शुक्रवार शाम छह बजे थम जाएगा. इस चुनाव में मध्य प्रदेश की हाई प्रोफाइल सीट भोपाल में भी मतदान होने हैं. ऐसे में प्रदेश के कांग्रेस प्रत्याशी दिग्विजय सिंह और भाजपा प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा सिंह ठाकुर जोरों-शोरों से चुनावी जंग जीतने की कोशिश में लगे हैं. बता दें भोपाल लोकसभा सीट पर मुख्य मुकाबला भाजपा उम्मीदवार साध्वी प्रज्ञा और कांग्रेस उम्मीदवार दिग्विजय सिंह के बीच ही माना जा रहा है. ऐसे में दोनों ही धुआंधार प्रचार-प्रसार में लगे हैं.

दिग्विजय सिंह भोपाल की बाजी जीतने के लिए दिन रात कोशिशों में जुटे हैं और सॉफ्ट हिंदुत्व का संदेश देते हुए जनता से रू-ब-रू हो रहे हैं. मंदिर- मस्जिद से लेकर मतदाताओं के आवासों तक हर जगह दिग्विजय सिंह चक्कर काटते नजर आ रहे हैं. वहीं साध्वी प्रज्ञा भी मतदाताओं को लुभाने की हर संभव कोशिश में जुटी हैं. हालांकि, नाम घोषित होने के बाद उनकी चर्चा उनके विवादित बयानों की वजह से ज्यादा रही, लेकिन अब साध्वी हर जगह सोच-समझकर बोलती नजर आ रही हैं.

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चुनाव प्रचार के लिए जहां एक ओर साध्वी प्रज्ञा के कार्यक्रमों का भार संगठन के कंधों पर रहा तो वहीं दिग्विजय सिंह खुद ही अपनी चुनावी रणनीति पर काम करते रहे. मार्च में ही नाम की घोषणा हो जाने के बाद दिग्विजय सिंह ने जनता से संवाद साधना शुरू कर दिया और जनता के बीच आना-जाना शुरू कर दिया. वहीं भाजपा ने काफी मंथन के बाद साध्वी प्रज्ञा के नाम की घोषणा की, लेकिन मुंबई हमले में शहीद हेमंत करकरे पर की गई विवादित टिप्पणी से वह नकारात्मक चर्चा का विषय बन गईं.

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हालांकि इसके बाद साध्वी ने अपने बयान पर माफी मांग ली, लेकिन कहते हैं ना कमान से निकला तीर और जुबान से निकली बात कभी वापस नहीं ली जा सकती और ऐसा ही कुछ हुआ साध्वी प्रज्ञा के साथ. वह आज भी शहीद हेमंत करकरे पर दिए बयानों को लेकर चर्चा में बनी हुई हैं. बीजेपी प्रत्याशी के नाम की घोषणा में हुई देरी का दिग्विजय सिंह को भरपूर लाभ मिला और वह हर वर्ग के मतदाता के बीच पहुंचे. वहीं इन दिनों साध्वी प्रज्ञा भी चुनाव प्रचार में अपनी पूरी ताकत झोंकती नजर आ रही हैं और मोटरसाइकिल पर घूमती दिख रही हैं.

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