सबकी नजरें हैं पीएम मोदी और राहुल गांधी पर, लेकिन इतिहास रचेंगे यह नेता
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सबकी नजरें हैं पीएम मोदी और राहुल गांधी पर, लेकिन इतिहास रचेंगे यह नेता

सिक्किम के विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा भी आज होने वाली है. शुरुआती रुझानों में सिक्किम डेमोक्रेटिक पार्टी फ्रंट आगे चल रही है. अगर रुझान परिणाम में बदलते हैं तो प्रदेश के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा. 

सबकी नजरें हैं पीएम मोदी और राहुल गांधी पर, लेकिन इतिहास रचेंगे यह नेता

नई दिल्ली : 2019 के लोकसभा चुनाव और 4 राज्यों के विधानसभा चुनावों के परिणाम आज घोषित होने वाले हैं. शुरुआती रुझानों में बीजेपी और कांग्रेस के बीच कांटे की टक्कर चल रही है. सुबह 9 बजे तक आए रुझानों में बीजेपी 150 और कांग्रेस 63 सीटों पर आगे चल रही है. इन चुनावों में सबकी जुबान पर एक ही प्रश्न है कि क्या नरेंद्र मोदी के सिर पर दोबारा प्रधानमंत्री का ताज सजेगा? इन प्रश्न के बीच एक राजनेता ऐसे भी हैं जो इतिहास रचने वाले हैं.

सिक्किम के विधानसभा चुनावों के परिणामों की घोषणा भी आज होने वाली है. शुरुआती रुझानों में सिक्किम डेमोक्रेटिक पार्टी फ्रंट आगे चल रही है. अगर रुझान परिणाम में बदलते हैं तो प्रदेश के मुख्यमंत्री पवन कुमार चामलिंग का नाम इतिहास के पन्नों में दर्ज होगा. वह देश के एक ऐसे सीएम होंगे जो सबसे ज्यादा समय तक सत्ता पर आसीन होंगे. 

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पहले ही तोड़ चुके हैं ज्योति बासु का रिकॉर्ड
पवन कुमार चामलिंग पहले ही ज्योति बासु का लंबे समय तक मुख्यमंत्री रहने का रिकॉर्ड तोड़ा है. पश्चिम बंगाल में सीपीएम की 34 साल की सरकार में ज्योति बसु 23 साल 137 दिन तक मुख्यमंत्री रहे. बसु 21 जून, 1977 से पांच नवंबर 2000 तक बंगाल के मुख्यमंत्री रहे. इस दौरान उन्होंने कुल 8,358 दिन राज किया. वहीं पीके चामलिंग 12 दिसंबर, 1994 में सिक्किम के मुख्यमंत्री बने, जो आज तक राज्य के मुख्यमंत्री बने हुए हैं. अगर इस विधानसभा चुनाव में भी पवन चामलिंग को जीत मिलती है तो वह लगातार 25 साल तक सीएम बने रहने का रिकॉर्ड कायम कर लेंगे. 

2014 में क्या थी स्थिति?
2014 में हुए विधानसभा चुनावों में एसडीएफ को 22 सीटें मिली थीं. वहीं मुख्य विपक्षी पार्टी सिक्किम क्रांतिकारी मोर्चा (एसकेएम) को 10 सीटें मिली थीं. इससे पहले 2009 में हुए चुनावों में चामलिंग की पार्टी को पूरी 32 सीटें मिली थीं. वहीं राष्ट्रीय पार्टियों की स्थिति यहां बिल्कुल मजबूत नहीं है. 
 
राज्य में कौन सी पार्टियां हैं प्रमुख
एसडीएफ और एसकेएम के अलावा मुख्य पार्टियों में सिक्किम संग्राम परिषद (एसएसपी), सिक्किम नेशनल पीपुल्स पार्टी (एसएनपीपी) और हमारो सिक्किम पार्टी हैं. बता दें इसी साल पूर्व फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया ने इस पार्टी का निर्माण किया है. ये पार्टी अकेले चुनाव लड़ रही है. 

13 दिनों के लिए आसीन हुई थी कांग्रेस
दिलचस्प बात ये है कि 1979 के बाद अभी तक सिक्किम के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और बीजेपी दोनों राष्ट्रीय दलों को सत्ता में विराजमान होने का मौका नहीं मिल पाया. हालांकि 1984 में कांग्रेस को महज 13 दिन सत्ता में रहने का मौका मिला था. इसके बाद से कांग्रेस वापसी नहीं कर सकी है. जबकि बीजेपी सिक्किम संग्राम परिषद का हिस्सा बनकर चुनावी मैदान में उतरी है.

 

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