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आखिरी चरण के चुनाव में बीजेपी के लिए झारखंड में सबसे बड़ी चुनौती है दुमका सीट

आखिरी चरण में झारखंड के 3 सीटों पर मतदान होना है. जिसमें दुमका, गोड्डा और राजमहल सीट शामिल हैं. इसमें दुमका सीट बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.

दुमका सीट से जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन 8 बार सांसद रह चुके हैं. (फाइल फोटो)
दुमका सीट से जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन 8 बार सांसद रह चुके हैं. (फाइल फोटो)

नई दिल्लीः लोकसभा चुनाव 2019 के आखिरी चरण के लिए प्रचार प्रसार का शोर थम गया है. इस चरण में झारखंड के 3 सीटों पर मतदान होना है. जिसमें दुमका, गोड्डा और राजमहल सीट शामिल हैं. इसमें दुमका सीट बीजेपी के लिए सबसे बड़ी चुनौती है. बीजेपी ने इस सीट पर केवल दो बार जीत दर्ज की थी. वहीं, दुमका से जेएमएम उम्मीदवार शिबू सोरेन तीन दशक में 8 बार यहां से चुनाव जीत चुके हैं.

दुमका सीट जेएमएम का गढ़ रहा है. यहां जेएमएम अध्यक्ष शिबू सोरेन 1980 से चुनाव लड़ते आ रहे हैं. 1980 के आम चुनाव में सोरेन ने यहां पहली बार जीत दर्ज की थी. हालांकि इसके बाद 1984 में कांग्रेस से उन्हें शिकस्त खानी पड़ी थी. इसके बाद 1989, 1991 और 1996 में सोरेन ने लगातार तीन बार जीत दर्ज की थी.

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हालांकि, बाबू लाल मरांडी ने 1998 और 1999 में बीजेपी को यहां से जीत दिलाई थी. लेकिन आज बाबू लाल खुद बीजेपी के विरोधी है और अपनी अलग पार्टी जेवीएम बना ली है. 1999 के बाद 2002 से अब तक शिबू सोरेन लगातार जीतते आ रहे हैं. उन्होंने 2002, 2004, 2009 और 2014 में लगातार दुमका सीट पर जीत दर्ज की है. यहां शिबू सोरेने का एक छत्र राज है.

बीजेपी के लिए दुमका सीट पर शिबू सोरेन सबसे बड़ी चुनौती है. 2014 में मोदी लहर के बावजूद बीजेपी इस सीट पर शिबू सोरेन को हराने में सफल नहीं हो पाई थी. अब 2019 में भी शिबू सोरेन बीजेपी के लिए चुनौती बने हुए हैं. शिबू सोरेन का किला भेदने के लिए बीजेपी ने सुनील सोरेन को मैदान में खड़ा किया है.

वहीं, दुमका सीट जीतने के लिए पीएम मोदी ने खुद यहां चुनाव अभियान पर आए थे. साथ ही सीएम रघुवर दास भी दुमका में लगातार कैंप कर रहे हैं. हालांकि अब चुनाव प्रचार थम गया है.

बीजेपी को दुमका सीट पर जीत दिलाने में केवल बाबू लाल मरांडी ही अब तक कामयाब हुए हैं. लेकिन आज बाबू लाल मरांडी खुद बीजेपी के विरोध में जेएमएम और कांग्रेस के साथ महागठबंधन में हैं. 2014 में बाबू लाल मरांडी भी दुमका सीट से चुनाव लड़ रहे थे. उन्होंने 2014 में दुमका की लड़ाई को त्रिकोणात्मक बना दिया था. जिसके बाद भी बीजेपी यहां जीत दर्ज नहीं कर पाई थी.

अब दुमका सीट पर जेएमएम और बीजेपी की सीधी लड़ाई है. हालांकि, बीजेपी ने जेएमएम को पिछली बार कड़ी टक्कर दी थी. बीजेपी यहां दूसरे नंबर पर रही थी.

बहरहाल, रविवार को अब दुमका सीट पर आखिरी चरण में मतदान होना है. देखना यह होगा की विकास के मुद्दे पर लड़ रही बीजेपी क्या मोदी फैक्टर के बदौलत दुमका में शिबू सोरेन के किला को भेदने में कामयाब होती है या नहीं.

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