समाजवादी पार्टी के संभल जिला अध्यक्ष फिरोज खान ने बीते गुरुवार को रामपुर से बीजेपी प्रत्याशी एवं प्रसिद्ध अभिनेत्री जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी की थी. महिला आयोग ने संज्ञान लिया था. अब जया ने इसका करारा जवाब दिया है.
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संभल: समाजवादी पार्टी के संभल जिला अध्यक्ष फिरोज खान ने बीते गुरुवार को रामपुर से बीजेपी प्रत्याशी एवं प्रसिद्ध अभिनेत्री जया प्रदा पर अभद्र टिप्पणी की थी. महिला आयोग ने संज्ञान लिया था. अब जया ने इसका करारा जवाब दिया है. जया प्रदा ने कहा कि उन पर (फिरोज खान पर) पर केस लग गया है. समाजवादी पार्टी वालों के यही संस्कार हैं. फिरोज ने विवादित बयान देते हुए कहा था, "जया प्रदा के रामपुर आने पर यहां रातें रंगीन होने लगेंगी. मुझे डर है कि मेरे क्षेत्र के लोग यहां शामें रंगीन करने न आ जाएं. मुझे अपने इलाके का ध्यान रखना होगा."
वह यहीं पर नहीं रुके. उन्होंने आगे कहा था, "रामपुर के लोग बहुत अच्छे हैं, सूझबूझ वाले हैं. आजम खां ने यहां बहुत काम कराए हैं. रामपुर के लोग समाजवादी पार्टी को वोट देंगे. लेकिन वे अब मजे लूटने में कोई कसर नहीं छोड़ेंगे. शाम होते ही वह कहेंगे कि मेरे पैरों में घुंघरू बंधा दो, फिर मेरी चाल देख लो."
फिरोज ने कहा था, "हम लोग पहले भी उनकी रातें यहां पर देख चुके हैं. लंबा समय हो चुका है उनको देखे हुए." उन्होंने आगे कहा था, "मैं एक दिन बस से जा रहा था, उस दौरान उनका काफिला भी वहां से गुजर रहा था तो जाम लग गया. मैंने बस से उतरकर उन्हें देखने की कोशिश की. मुझे लगा कि कहीं जाम खुलवाने के लिए ठुमका ना लगा दें."
#WATCH Sambhal SP leader Firoz Khan says,"Rampur ki shaamein rangeen ho jaayengi ab jab chunavi mahual chalega".BJP's Jaya Prada is the MP candidate from Rampur.He also says,"Ab koi (BJP's Sanghamitra Maurya) apne ko gundi batade koi naachne ka kaam kare woh unka apna pesha hai." pic.twitter.com/duPJleE21E
— ANI UP (@ANINewsUP) March 28, 2019
सपा-बसपा गठबंधन ने पूर्व कैबिनेट मंत्री आजम खां को रामपुर से प्रत्याशी बनाया है. वह पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ने मैदान में उतरे हैं. फिरोज खान उनके करीबी माने जाते हैं.
बीजेपी ज्वॉइन करते ही जया को मिला टिकट
जया प्रदा ने 26 मार्च को बीजेपी ज्वॉइन की थी. बीजेपी ने उन्हें आनन-फानन में टिकट दे दिया. जया प्रदा ने 1994 से टीडीपी के साथ अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की थी. बाद में चंद्रबाबू नायडू से उनके मतभेद हो गए. फिर उन्होंने सपा का दामन थाम लिया लेकिन 2010 में उन्हें पार्टी विरोधी गतिविधि चलाने के आरोप में बाहर का रास्ता दिखा दिया. वह समाजवादी पार्टी से रामपुर से दो बार सांसद बनीं. फिर उन्होंने आरएलडी की ओर से बिजनौर से 2014 में चुनाव लड़ा लेकिन हार का मुंह देखना पड़ा.
(इनपुट IANS से)