कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक चुनावी सभा में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल पूछा था कि किसके खाते में 15 लाख आ गए हैं.
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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 (Lok Sabha Elections 2019) का सियासी रण अपने चरम पर है. इन सबके बीच मध्य प्रदेश की भोपाल लोकसभा सीट पर मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह और बीजेपी प्रत्याशी साध्वी प्रज्ञा ठाकुर के बीच कांटे की टक्कर है. इन दिनों भोपाल सीट काफी हॉट टॉपिक बनी हुई है. दरअसल, दिग्विजय सिंह ने सोमवार को एक चुनावी सभा में मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए सवाल पूछा था. इस दौरान उन्होंने मंच पर एक युवक को बुलाया जिसने मंच से मोदी सरकार की तारीफ कर दिग्विजय सिंह की बोलती बंद कर दी थी.
Bhopal: Bharatiya Janata Party (BJP) felicitates Amit Mali, the youth who said 'Modi ji did surgical strike and killed terrorists' when called on stage and asked 'did you get Rs 15 lakhs in your account?' by Congress leader Digvijaya Singh. #MadhyaPradesh pic.twitter.com/qR0aaNMxKL
— ANI (@ANI) April 23, 2019
दिग्विजय सिंह को दांव देने वाले इस शख्स का नाम अमित माली है. मध्य प्रदेश बीजेपी नेताओं ने मंगलवार को अमित माली को सम्मानित किया. सम्मान पाकर अमित काफी खुश दिखे. न्यूज एजेंसी एएनआई के अनुसार, उन्होंने कहा कि दिग्विजय सिंह ने मुझे मंच पर बुलाया था लेकिन मेरा जवाब सुनते ही मुझे मंच से नीचे उतार दिया गया. उन्होंने कहा कि मंच से उतरने के बाद मेरे साथ किसी ने कोई अनुचित व्यवहार नहीं किया.
दरअसल, दिग्विजय ने जनसभा के दौरान लोगों से पूछा था कि जिसके खाते में 15 लाख रुपये आ गए हैं वो हाथ उठा दे. इस दौरान एक युवक ने हाथ उठाया. सिंह ने उसे मंच पर आने को कहा. युवक ने मंच पर माइक थामते हुए कहा कि मेरे खाते में 15 लाख नहीं आए हैं लेकिन, मोदी जी ने सर्जिकल स्ट्राइक करके आतंकियों को मारा है.
दिग्विजय की राह आसान नहीं
बीजेपी प्रत्याशी के सामने आने से दिग्विजय सिंह की राह मुश्किल बताई जा रही है. भोपाल बीजेपी का अभेद किला है. कांग्रेस 1984 में यहां से अंतिम बार जीती थी यानी पिछले 35 साल से बीजेपी का इस सीट पर कब्जा है. 1989 में सुशील चंद्र शर्मा पहली बार बीजेपी का खाता खोला था. शर्मा 1991, 1996 और 1998 में लगातार जीते और कांग्रेस जीत के लिए तरसती रही. इसके बाद 1999 में उमा भारती ने यहां से चुनावी मैदान में उतरकर जीत हासिल की. 2004 और 2009 में कैलाश जोशी ने कमल खिलाया. 2014 के लोकसभा चुनाव में आलोक संजर चुनाव जीते थे.