वारंगल लोकसभा सीट: कांग्रेस और टीआरएस के बीच लड़ाई, BJP फंसा सकती है पेंच
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वारंगल लोकसभा सीट: कांग्रेस और टीआरएस के बीच लड़ाई, BJP फंसा सकती है पेंच

इस लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को वोट पड़ चुके हैं. अब 23 मई को आने वाले चुनावी रिजल्ट में इन उम्मीदवारों की किस्मत का फैसला होगा.

वारंगल सांसद दयाकर अपनी पार्टी के प्रमुख और तेलंगाना के सीएम के. चंद्रशेखर के साथ. (फोटो साभार: सोशल मीडिया)

वारंगल: दक्षिण भारत के तेलंगाना राज्य की 17 लोकसभा सीटों में से एक वारंगल (Warangal) संसदीय क्षेत्र पर तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने मौजूदा सांसद पासुनूरी दयाकर (Pasunuri Dayakar) पर भरोसा जताया है, जिनका मुकाबला कांग्रेस के दम्मति सम्भैया (Dommati Sambhaiah) से है. वहीं बीजेपी इस सीट से चिंता संबमूर्ति (Chinta Sambamurthy) पर दांव लगाया है. इस लोकसभा सीट पर 11 अप्रैल को वोट पड़ चुके हैं. अब 23 मई को आने वाले चुनावी रिजल्ट में इन प्रत्याशियों की किस्मत का फैसला होगा.

तेलंगाना राज्य की सभी 17 सीटों पर पहले चरण यानी 11 अप्रैल को वोटिंग हो चुकी है. 10 मार्च को लोकसभा चुनावों की घोषणा के बाद 18 मार्च को यहां नोटिफिकेशन निकाला गया और 25 मार्च को नॉमिनेशन की अंतिम तारीख घोषित की गई. इसके बाद 26 मार्च को प्रत्याशियों के नामों पर अंतिम मुहर लगाई गई और 11 अप्रैल को वोटिंग हुई.

राज्य की सत्तारूढ़ पार्टी टीआरएस के नेता दयाकर को 2015 के लोकसभा उपचुनाव में  59.50 फीसदी यानी 6,15,403 वोट  मिले थे. उन्होंने कांग्रेस के सरवे सत्यनारायण को पराजित किया था. इस चुनाव में सरवे को 1,56,315 वोट मिले थे. वहीं, बीजेपी के पागतिपति देवैया (Pagidipati Devaiah) को 1,29,868 मत मिले थे.

2014 के आम चुनाव में इस सीट से टीआरएस नेता के. श्रीहरि (Kadiyam Srihari) मतदान के 56.33 फीसदी यानी 6,61,639  मत पाकर ससंद पहुंचे थे. उन्होंने कांग्रेस के आर सिरिसिला (Rajaiah Siricilla) को हराया था. सिरिसिला को 22.91 प्रतिशत यानी 2,69,065 वोट हासिल हुए थे. वहीं, इस चुनाव में बीजेपी के परमेश्वर रामागल्ला को 15.93 फीसदी यानी 1,87,139 वोट मिले थे.

इसी सीट पर आजादी के बाद से अब तक 18 बार हुए चुनाव और उपचुनावों में आठ बार कांग्रेस जीत चुकी है. इसके अलावा पांच बार टीडीपी और एक-एक बार तेलंगाना प्रजा समिति व पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट की विजय हो चुकी है.

पता हो कि भारत के आंध्रप्रदेश राज्य से अलग होकर तेलंगाना भारत का 29वां राज्य बना था. दोनों राज्यों की संयुक्त राजधानी हैदराबाद है. राज्य में मुख्यमंत्री के. चन्द्रशेखर राव की अगुवाई में टीआरएस पार्टी की सरकार है. इस राज्य में 119 विधानसभा सीटें और 17 लोकसभा सीटें हैं. वहीं प्रदेश में कुल जिलों की संख्या 31 है.

 

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