लोकसभा चुनाव 2019: शिवसेना का गढ़ है ठाणे सीट, एनसीपी दे रही चुनौती
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लोकसभा चुनाव 2019: शिवसेना का गढ़ है ठाणे सीट, एनसीपी दे रही चुनौती

यहां से राजन विचारे सांसद हैं. इस बार यहां एनसीपी से शिवसेना को टक्‍कर मिलने के आसार हैं. एनसीपी ने यहां से आनंद परांजपे को मैदान में उतारा है.

शिवसेना और एनसीपी के बीच है टक्‍कर. फाइल फोटो

नई दिल्‍ली : लोकसभा चुनाव 2019 (lok sabha elections 2019) के चौथे चरण के चुनाव के तहत महाराष्‍ट्र की 17 सीटों पर 29 अप्रैल को मतदान होना है. यहां की ठाणे सीट शिवसेना का गढ़ रही है. मौजूदा समय भी यहां से शिवसेना के पास है. यहां से राजन विचारे सांसद हैं. इस बार यहां एनसीपी से शिवसेना को टक्‍कर मिलने के आसार हैं. एनसीपी ने यहां से आनंद परांजपे को मैदान में उतारा है.

6 विधानसभा सीटें हैं इस क्षेत्र में
2008 के परिसीमन के बाद महाराष्‍ट्र की ठाणे लोकसभा सीट के अंतर्गत 6 विधानसभा आती हैं. इनमें मीरा भायांदर, कोपरी-पचपाखड़ी, ओवाला-माजीवाड़ा, ठाणे, एरोली और बेलापुर सीटें शामिल हैं. इनमें से मीरा भायांदर, ठाणे और बेलापुर सीट पर बीजेपी की कब्‍जा है. कोपरी-पचपाखड़ी और ओवाला-माजीवाड़ा पर शिवसेना का कब्‍जा है. ऐरोली सीट एनसीपी के पास है.

 

बाद में बना शिवसेना का गढ़
एक समय ठाणे लोकसभा कोलाबा लोकसभा क्षेत्र का भाग था. बाद में स्वतंत्र ठाणे लोकसभा सीट बनी. उस समय यहां 2 उम्मीदवार चुने जाते थे. शुरुआत में यहां समाजवादियों का प्रभुत्व था, बाद में कांग्रेस का दबदबा हुआ. इसके बाद लगातार कई वर्षों तक बीजेपी तथा शिवसेना का गढ़ बना. 1984 में कांग्रेस के शांताराम घोलप, 1989 तथा 1991 में बीजेपी के राम कापसे के बाद 1996 से 2004 तक शिवसेना के दिवंगत प्रकाश परांजपे लगातार चार बार विजई हुए थे.

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